उत्पाद स्पेशल कोर्ट ने दो शराब तस्करों को दी 15-15 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
समेकित जांच चौकी बलथरी पर जांच के क्रम में एक कंटेनर से भारी मात्रा में शराब बरामद किये जाने के मामले में दो दोषियों को एडीजे चतुर्थ सह विशेष न्यायालय उत्पाद शैलेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने 15-15 साल के सश्रम कारावास तथा नौ-नौ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है.
गोपालगंज. समेकित जांच चौकी बलथरी पर जांच के क्रम में एक कंटेनर से भारी मात्रा में शराब बरामद किये जाने के मामले में दो दोषियों को एडीजे चतुर्थ सह विशेष न्यायालय उत्पाद शैलेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने 15-15 साल के सश्रम कारावास तथा नौ-नौ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है. सजा सुनाये जाने के बाद दोनों को सजा काटने के लिए चनावे स्थित मंडल कारा भेज दिया गया. सजायाप्ता लोगों में एक यूपी के मऊ जिले का तथा दूसरा सीवान जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र का निवासी है. मामले के संबंध में बताया जाता है कि अवर निरीक्षक मद्य निषेध मनीष सर्राफ 24 जुलाई 2023 को तड़के चार बजे बलथरी स्थित समेकित जांच चौकी पर वाहनों की जांच कर रहे थे. इसी बीच उत्तरप्रदेश की ओर से एक कंटेनर आता दिखा. उन्होंने जब कंटेनर की जांच की, तो उससे 3537 बोतल शराब बरामद की गयी. पुलिस ने कंटेनर के चालक यूपी के मऊ जिले के मोहमदाबाद थाना क्षेत्र के मोहमदाबाद गालीमपुर गांव निवासी मो. इस्माइल तथा कंटेनर पर सवार सीवान जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के भेड़वनिया गांव के शमशुल हक को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में मनीष सर्राफ के बयान पर दोनों पकड़े गये लोगों के विरुद्ध कुचायकोट थाने में कांड संख्या 382/2023 प्राथमिकी की गयी. इस मामले में आरोप पत्र आने के बाद विशेष न्यायालय उत्पाद में सुनवाई प्रारंभ हुई. इस बीच अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य के आधार पर अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए उन्हें 15-15 साल के सश्रम कारावास तथा नौ-नौ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी. वहीं दूसरी ओर सिधवलिया थाना क्षेत्र के बलीछापर गांव के एक आरोपित को उत्पाद थाना कांड संख्या 1047/23 धारा 30 ए में न्यायालय एडीजे चार शैलेंद्र कुमार शर्मा ने आठ वर्ष के सश्रम कारावास और दो लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है. साथ ही अर्थदंड नहीं जमा करने की स्थिति में तीन माह की अतिरिक्त सजा सुनायी गयी है. बलीछापर गांव का रामप्रीत यादव के पुत्र मुकेश यादव पर 2016 में मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम अंतर्गत मामला दर्ज था. इसी मामले कोर्ट द्वारा सजा सुनायी गयी है.
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