शहर में वकील के मकान पर छापेमारी, लाखों के नकली इ-स्टांप व कई अफसरों के मिले मुहर

शहर के वार्ड-16 में स्थित एक अधिवक्ता के मकान पर शनिवार को सदर एसडीएम के नेतृत्व में छापेमारी की गयी. इस दौरान पुलिस ने नकली स्टांप बनानेवाले गिरोह का खुलासा किया. हालांकि छापेमारी के दौरान स्टांप बनानेवाले धंधेबाज फरार हो गये. पुलिस ने लाखों रुपये के ज्यूडिशियल और नन ज्यूडिशियल स्टांप को जब्त किया है. वहीं, एक कंप्यूटर, एक लैपटॉप, दो प्रिंटर, विभिन्न अधिकारियों के 13 मुहर बरामद किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 9:56 PM

गोपालगंज. शहर के वार्ड-16 में स्थित एक अधिवक्ता के मकान पर शनिवार को सदर एसडीएम के नेतृत्व में छापेमारी की गयी. इस दौरान पुलिस ने नकली स्टांप बनानेवाले गिरोह का खुलासा किया. हालांकि छापेमारी के दौरान स्टांप बनानेवाले धंधेबाज फरार हो गये. पुलिस ने लाखों रुपये के ज्यूडिशियल और नन ज्यूडिशियल स्टांप को जब्त किया है. वहीं, एक कंप्यूटर, एक लैपटॉप, दो प्रिंटर, विभिन्न अधिकारियों के 13 मुहर बरामद किया है. छापेमारी के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि नकली स्टांप बनाने का धंधा कचहरी परिसर के आसपास चल रहा है. शनिवार को सूचना मिलने के बाद सदर एसडीपीओ प्रांजल, नगर इंस्पेक्टर ओमप्रकाश चौहान के साथ टीम गठित कर रजिस्ट्री कचहरी रोड में स्थित एक अधिवक्ता नवीन चंद्र के मकान पर छापेमारी की. इस दौरान कंप्यूटर से फर्जी इ-चालान, नकली स्टांप बनाने और नकली लगान रसीद काटने का खुलासा हुआ. नकली स्टांप व मुहर बनाकर फर्जी तरीके से शपथपत्र बनाने वाले गिरोह के यहां पुलिस ने इसके पहले भी छापेमारी की थी. सदर एसडीएम और एसडीपीओ के नेतृत्व में समाहरणालय रोड में छापेमारी कर खुलासा किया गया था और इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. एसडीएम की ओर से इस छापेमारी के बाद दूसरी बड़ी कार्रवाई की गयी है. सदर एसडीएम ने बताया कि कुल 13 लोगों के मुहर मिले हैं. इनमें जिला कोषागार पदाधिकारी, विशेष कार्यकारी अधिकारी खानापुर रायपुर, मुद्रांक विक्रेता विनोद कुमार श्रीवास्तव, नोटरी के वकील रामाशंकर रावत, मुद्रांक विक्रेता रवि कुमार वर्मा, कार्यपालक दंडाधिकारी गोपालगंज सदर समेत अन्य लोगों के मुहर मिले हैं. सदर एसडीएम ने कहा कि यहां लगान रसीद को इडिटिंग करने का खेल भी चल रहा था. 2014-15 से लगान रसीद की इडिटिंग रसीद तैयार कराकर लोन में इस्तेमाल किया जा रहा था और स्पेशल अवधेशी के 500 रुपये के फर्जी टिकट का इस्तेमाल भी बैंक से लोन लेने में किया जा रहा था. अधिवक्ता नवीन चंद्र ने कहा कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेरे आवास पर एक किरायेदार के यहां छापेमारी हुई है. उस वक्त मैं अपने क्लाइंट के साथ कोर्ट की तरफ गया था. वापस लौटा, तो मेरे ऑफिस में भी सामान तहस-नहस किया गया था. घर पर सर्च अभियान के दौरान मेरे परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था. अगर कोई गलत कर रहा था तो पुलिस प्रशासन कार्रवाई करे, लेकिन एक अधिवक्ता को परेशान न किया जाये.

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