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ऊंटों की तस्करी के मामले में करप्शन, चौकीदार समेत तीन के खिलाफ एफआइआर की गयी दर्ज

विलुप्त प्रजाति के ऊंटों की तस्करी में पुलिस का करप्शन सामने आया है. पकड़े गये ऊंटों को छोड़ने के नाम पर पशु तस्करों से अकाउंट में पैसे लेकर मोल-तोल किया गया, उसके बाद नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर पशु तस्करों को जेल भेज दिया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 9, 2024 9:49 PM
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गोपालगंज. विलुप्त प्रजाति के ऊंटों की तस्करी में पुलिस का करप्शन सामने आया है. पकड़े गये ऊंटों को छोड़ने के नाम पर पशु तस्करों से अकाउंट में पैसे लेकर मोल-तोल किया गया, उसके बाद नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर पशु तस्करों को जेल भेज दिया गया. एसपी स्वर्ण प्रभात के आदेश पर नगर थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जिसमें थाने के चौकीदार बीरेंद्र यादव, दलाल अंकित तिवारी और पशु तस्कर के रिश्तेदार यूपी के बागपत जिला निवासी दानिश मियां को पुलिस ने अभियुक्त बनाया है. चौकीदार बीरेंद्र यादव फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं, इस पूरे करप्शन में पुलिस के एक बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है, जिसकी जांच खुद एसपी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि नगर थाना क्षेत्र के अरार मोड़ के पास प्रशिक्षु डीएसपी संदीप कुमार द्वारा पिछले माह 11 जून को राजस्थान से तस्करी कर लाये गये विलुप्त प्रजाति के 19 ऊंटों को जब्त किया था और इस मामले में चार पशु तस्करों को गिरफ्तार किया था. इसमें उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला निवासी जुनैद खान, शाहनवाज और हरियाणा के नूह मेवात के जुनैद खान और साहिल शामिल थे. राजस्थान से तस्करी कर सभी ऊंटों को मुजफ्फरपुर ले जाया जा रहा था, जहां से इन सभी ऊंटों को दूसरे राज्य में सप्लाइ की जानी थी. पुलिस ने इस मामले में नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर सभी ऊंटों को मोतिहारी फाटक में भेज दिया. इसी मामले में पशु तस्करों को छोड़ने के नाम पर थाने के चौकीदार बीरेंद्र यादव के जरिये पैसे का लेनदेन किया गया. 11 जून से मामले को दबाने की कोशिश की गयी, लेकिन एसपी को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तत्काल एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया. ऊंट तस्करी के केस के आइओ सह पुलिस अवर निरीक्षक रामप्रीत गुप्ता ने इस मामले में नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की. रामप्रीत गुप्ता अपने बयान में कहा कि गुप्त सूचना मिली कि ऊंटों को छुड़वाने के नाम पर पैसे की लेनदेन की गयी है. जांच के दौरान थावे में मिले पशु तस्कर के रिश्तेदार यूपी के बागपत जिला के केतिपुरा निवासी दानिश मियां से पूछताछ की, तो करप्शन का मामला सामने आया. पशु तस्कर के रिश्तेदार ने अपने पुलिस को बताया कि ऊंट तस्करों को छोड़ने के लिए नगर थाने के चौकीदार बीरेंद्र यादव ने डेढ़ लाख रुपये की मांग की, जिसमें 30 हजार और 50 हजार रुपये दो बार में करके बैंक खाते में भेज दिये थे. बाकी के पैसे का मोल-जोल चल रहा था. इसी मामले में केस के आइओ ने चौकीदार बीरेंद्र यादव, अंकित तिवारी और पशु तस्कर के रिश्तेदार दानिया मियां को अभियुक्त बनाते हुए छापेमारी शुरू कर दी है. वहीं पुलिस ने जिस ट्रक से ऊंटों को बरामद किया था, उस ट्रक के सभी आठ चक्काें को खोल लिया गया और दो बैट्री को भी खोलकर बेच दिया गया. कोइनी मेले में ट्रक लगाने के बाद चक्का और बैट्री को खोला गया. मामले में चौकीदार और थाने के दलाल भितभेरवा निवासी विपिन तिवारी के पुत्र अंकित तिवारी का नाम आया. पुलिस कस्टडी में जब्त किये गये ट्रक के चक्का और बैट्री को कैसे खोलकर बेच दिया गया, यह भी बड़ा सवाल है. इनके पीछे किस पुलिस अधिकारी का हाथा था और किसके इशारे पर चौकीदार ने इतना बड़ा कदम उठाया, यह खुलासा चौकीदार की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ होने पर ही हो सकेगा. वहीं, ऊंटों को जब्त करने के बाद ट्रक और ऊंट को चौकीदार के हवाले कैसे किया गया. भितभेरवा का अंकित तिवारी कौन है, जिसे ऊंटों से भरे ट्रक को सौंपा गया. इन तमाम बिंदुओं पर जांच चल रही है.

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