गोपालगंज : वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज में कमी आने के कारण गंडक का जल स्तर लगातार घट रहा है. विश्वंभरपुर में पिछले 24 घंटे में डेंजर लेवल से एक मीटर पानी घटकर महज 20 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है. जबकि, गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से मंगलवार की शाम 1.14 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज दर्ज किया गया. नदी के जल स्तर में कमी आने के बावजूद बाढ़ का पानी नये गावों में तबाही मचा रहा है.
लगातार नये गावों को अपने चपेट में लेता बाढ़ का पानी न सिर्फ लोगों को शराणार्थी बना दिया बल्कि सड़कों को क्षतिग्रस्त का आवागमन को भी बंद कर दिया है. बाढ़ का पानी अब तक जिले के 90 से अधिक गावों को प्रभावित कर लगातार आगे बढ़ रहा है. गौरतलब है कि जिले के देवापुर में सारण तटबंध व उसके सामानांतर बना रिंग बांध 23 जुलाई को टूट गया था, जिसके बाढ़ का सैलाब न सिर्फ गोपालगंज के पूर्वाचल को बल्कि छपरा और सीवान जिले के हिस्सों में भी तबाही मचा दिया. पानी कम होो के बाद लाखों रुपये खर्च कर टूटे भाग पर विभाग द्वारा पायलिंग कराया गया. इधर 25 सितंबर को एक बार फिर पायलिंग कराये गये तटबंध पर गंडक की धारा बह चली और बाढ़ का तांडव शुरू हुआ तो आज भी जारी है.
उधर नदी में पानी तो घट गया है लेकिन बाढ़ का पानी लगातर नये क्षेत्र में पवेश कर चुका है. अब तक बाढ़ से बरौली, मांझा, सिधवलिया, बैकुंठपुर के 90 से अधिक गांव की दो लाख के करीब आबादी प्रभावित है. इसके प्रभाव से 80 हजार लोग एनएच28, स्टेट हाइवे47, रतन सराय, सिधवलिया आदि स्टेशनों सहित उंचे जगहों पर शरण लिये हैं. दो दर्जन से अधिक सड़के क्षतिग्रस्त हो गयी हैं.
एसएच 47 पर परिचालन पूरी तरह से बंद है. पूर्वांचल की तीन प्रखंडों में 13 लिंक रोड पर पानी की धार है जिससे आवागमन ठप है. लगातर नये इलाकों में पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे जन-जीवन प्रभावित हो गया है. कोरोना के कहर के बीच दो बार बाढ़ के कहर से लोगों को तिहरी मार पड़ी है. नेपाल से गंडक के रास्ते पहुंची तबाही का पानी अब छपरा की सीमा में प्रवेश करने लगा है. सभी पीड़ित के चेहरे पर लाचारी साफ झलक रही है.
posted by ashish jha