गोपालगंज. नेपाल में हुई भारी बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में पानी डिस्चार्ज किये जाने से गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गयी. गुरुवार को सदर प्रखंड के पतहरा घाट पर डेंजर लेवल से 10 सेंटीमीटर ऊपर गंडक नदी बह रही थी. जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों को अलर्ट करते हुए तटबंधों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है. तटबंधों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है. हालांकि राहत की बात है कि बुधवार की शाम वाल्मीकिनगर बराज पर डिस्चार्ज का लेवल घटकर 88 हजार क्यूसेक हो गया. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने गुरुवार को जल संसाधन विभाग से तटबंधों की सुरक्षा और वाल्मीकिनगर बराज से जल डिस्चार्ज किये जाने की रिपोर्ट ली. डीएम ने कहा कि अभी गंडक नदी से बाढ़ का कोई खतरा नहीं है. एहतियातन सभी छह प्रखंडों के अंचल पदाधिकारियों को अपने-अपने इलाके में तटबंधों का निरीक्षण कर जायजा लेने का निर्देश दिया गया है. डीएम खुद भी नदी के बढ़ते जल स्तर व तटबंधों की सुरक्षा की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. सासामुसा संवाददाता के अनुसार, नेपाल में हो रही बारिश व गंडक नदी में बढ़ते जल स्तर को लेकर जल संसाधन विभाग अलर्ट है. मुख्य अभियंता संजय कुमार के निर्देश पर कार्यपालक अभियंता कुमार बृजेश, सहायक अभियंता एकता कुमारी, कनीय अभियंता मो. माजिद, दिनेश कुमार की टीम ने अहिरौली दान से विशुनपुर तटबंधों का निरीक्षण किया. कुचायकोट प्रखंड के सलेहपुर जीरो प्वाइंट से लेकर 1.50 भसही व 5 से 6 किलोमीटर व 6 से 7 किलोमीटर के बीच गंडक नदी से बचाव के लिए कार्य कराये गये हैं. नदी की धारा को कम करने के लिए विभाग के द्वारा 39 बेडबार बनाये गये हैं. वहीं नदी की तेज धारा मोड़ने के लिए बंबू पाइलिंग, पारको पाइन का इस्तेमाल किया गया है, जो नदी की धारा को मोड़ने में मददगार साबित होगा. जल संसाधन विभाग के अधिकारी पल-पल नदी की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. मालूम हो कि जल संसाधन विभाग हाइ अलर्ट मोड में है. बांध की निगरानी के लिए मानव बल को तैनात किया गया है. 24 घंटे निगरानी की जा रही है. नेपाल में हो रही बारिश व वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जल स्तर बढ़ा है. साथ ही और पानी बढ़ने की संभावना है. भसही, विशंभरपुर, भगवानपुर सहित कई डेंजर प्वाइंट की जानकारी रिपोर्ट ली जा रही है.
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