गोपालगंज. गंडक नदी खतरे के निशान से एक फुट नीचे आ गयी है. शनिवार को वाल्मीकि नगर बराज से सुबह 76 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज आ गया, जिससे विशंभरपुर में नदी खतरे के निशान से 60 सेमी, तो पतहरा में 47 सेमी व टंडसपुर में 12 सेमी पर पहुंच गयी. गंडक नदी की लहरें शांत हैं. जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को राहत मिली है. विभाग अब मानने लगा है कि बाढ़ से जिले को निजात मिल गयी है. हालांकि 10 से 12 अक्तूबर के बीच फिर से नेपाल में बारिश का अलर्ट है. बारिश अगर अधिक हुई, तो नदी का जल स्तर फिर बढ़ सकता है. अभी नदी के घटते- बढ़ते जल स्तर को देख विभाग कटाव को लेकर हाइ अलर्ट मोड में है. माना जाता है कि एक लाख क्यूसेक वे 60 हजार के बीच नदी का डिस्चार्ज रहने पर कटाव का खतरा बना रहता है. नदी के मूड को समझते हुए विभाग के अभियंता भी मुस्तैद है. मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवलकिशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार ने शुक्रवार को भी तटबंध पर पहुंच कर स्थिति का आकलन किया. तटबंधाें को पूरी तरह से सुरक्षित बताया जा रहा है. जल संसाधन विभाग की ओर से टंडसपुर में बनाये गये पायलट चैनल नदी की धारा को बीच में करने में सफल रहा, जिससे तटबंधों पर दबाव भी घटा. जिले में 29 सितंबर की रात 12 बजे वाल्मीकि नगर बराज से 2017 के बाद सर्वाधिक डिस्चार्ज 5.62 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज रहा. उसके बाद नदी के तट व बांध के बीच बसे गांव जलमग्न हो गये. सर्वाधिक परेशानी बरौली, सिधवलियां, बैकुंठपुर के गांवों में है. बैकुंठपुर प्रखंड के बंगरा, बखरी, फैजुल्लाहपुर,शीतलपुर, बांसघाट मंसुरिया, व प्यारेपुर , सिधविलया प्रखंड के सलेमपुर, सलेहपुर, डुमरिया, बंजरिया, अमरपुरा, बरौली प्रखंड के प्रखंड के सलेमपुर, बघवार, मांझा के मांघी, मगुरहां, भैसही, गौसिया के कुछ हिस्सा सदर प्रखंड के धर्मपुर, टेगराही, निरंजना, कठघरवां, मेहंदिया, जगीरीटोला, रामनगर मांझा के माघी, मुंगरहा, पुरैना समेत 16 गांव, कुचायकोट के भसही, सिपाया वार्ड नं तीन, कालामटिहनियां के वार्ड नं तीन, सिपाया खास के वार्ड नं सात, फुलवरिया, धूप सागर, समेत कई गांवों में तबाही की स्थिति बनी हुई है.
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