गोपालगंज. गंडक नदी मंगलवार को लाल निशान से नीचे आ गयी. नदी के जल स्तर के घटने के साथ ही निचले इलाके में रहने वाले लोगों को बाढ़ से फिलहाल राहत मिली है. नदी में पानी का डिस्चार्ज पिछले 24 दिनों से 1.5 लाख क्यूसेक से नीचे बना हुआ है. मंगलवार को वाल्मीकिनगर बराज से पानी का डिस्चार्ज 1.10 से 1.20 लाख क्यूसेक के बीच पूरे दिन बना रहा. विशंभरपुर में नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 39 सेमी नीचे पहुंच गया. जबकि पतहरा में लाल निशान से 15 सेमी तो टंडसपुर में तीन सेंटीमीटर नीचे आ गया. लाल निशान से नदी के नीचे आने से इंजीनियरों की टीम ने राहत की सांस ली है. वहीं दूसरी ओर नदी के मिजाज के कारण विशंभरपुर में जलसंसाधन विभाग हाइअलर्ट मोड में है. पिछले 48 घंटे से बांध को प्रोटेक्ट कराने के लिए मजदूरों से हाथी पांव डालकर बचाने की कोशिश की जा रही है. मंगलवार को भी जल संसाधन विभाग के स्तर पर लगातार निगरानी की जाती रही. बाढ़ संसाधन विभाग के बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर चौधरी विशंभरपुर पहुंचकर बचाव कार्यों की समीक्षा की. विशंभरपुर में बांध की निगरानी के लिए कार्यपालक अभियंता पवन कुमार, सहायक अभियंता एकता गुप्ता की टीम मुस्तैद है. तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित बताया गया है. उधर, विशंभरपुर के आसपास के लोग बांध को लेकर चिंतित है. तीन साल तक नदी बांध से दूर बह रही थी. अहिरौली दान में यूपी की तरफ से स्पर बना दिये जाने के कारण नदी का अटैक बांध पर हो गया है. यहां विभाग डेंजर जाेन मानकर एक्शन मोड में है.
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