गोपालगंज. नेपाल में भारी बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से पानी डिस्चार्ज किये जाने से गंडक नदी उफान पर है. नदी की उफनती धारा तेजी से गंगा में समाहित होने के लिए प्रवेश कर रही है. वहीं, जल संसाधन विभाग ने गंडक नदी से जुड़े सभी तटबंधों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिये हैं. जल स्तर बढ़ने से अहिरौलीदान-मंगलपुर तटबंध, पतहरा तटबंध, डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से ऊपर नदी का जल स्तर है. पतहरा घाट पर गंडक नदी 72 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बताया जाता है कि नेपाल से एक लाख 72 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किये जाने के बाद बुधवार की सुबह से नदी का जलस्तर बढ़ने लगा था. सुबह में एक लाख 56 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज था, लेकिन शाम के चार बजे जल स्तर का लेवल एक लाख 72 हजार हो गया. जल संसाधन विभाग ने शुक्रवार से जल स्तर घटने की उम्मीद जतायी है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से गंडक नदी के निचले इलाके में बसे ग्रामीणों को अलर्ट करते हुए सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं. जल स्तर बढ़ने से कुचायकोट प्रखंड से लेकर सदर प्रखंड, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर इलाके के तटबंध के अंदर बसे गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. भसही, सिपाया, भगवानपुर, विशुनपुर, पतहरा, टंडसपुर समेत अन्य इलाकों में तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गयी है. डीएम खुद कर रहें मॉनीटरिंग : गंडक नदी के बढ़ते-घटते जल स्तर को लेकर डीएम मोहम्मद मकसूद आलम खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं. डीएम ने सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने इलाके में तटबंध के अंदर बसे गांव में लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है. साथ ही तटबंधों पर 24 घंटे निगरानी रखने को कहा है. वहीं जिले के पूर्वी भाग में बसा सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड का अधिकतर इलाका बाढ़ से प्रभावित हो जाता है. गंडक नदी के बढ़ते जल स्तर से सिधवलिया प्रखंड में अमरपुरा, डुमरिया व काशी टेंगराही बाढ़ की चपेट में आ जाता है, जबकि बैकुंठपुर प्रखंड में परसौनी, बासघाट मंसुरिया, उसरी, गम्हारी, फैजुल्लाहपुर, प्यारेपुर, बखरी व बंगरा शामिल हैं.
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