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नये इलाकों में फैला गंडक नदी का पानी, 22 गांवों और टोलाें से टूटा सड़क संपर्क

गोपालगंज. सोमवार को गंडक नदी का पानी दियारे के नये इलाकों में फैल गया. कुचायकोट, सदर प्रखंड, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर के इलाके में पानी प्रवेश करने से 22 गांवों और टोले से प्रखंड मुख्यालय का सड़क संपर्क टूट गया.

गोपालगंज. सोमवार को गंडक नदी का पानी दियारे के नये इलाकों में फैल गया. कुचायकोट, सदर प्रखंड, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर के इलाके में पानी प्रवेश करने से 22 गांवों और टोले से प्रखंड मुख्यालय का सड़क संपर्क टूट गया. सरकारी नाव का इंतजाम नहीं था, इसलिए लोग तीन से चार फुट पानी पार कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर दिखें. वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने हवाई सर्वे किया. सत्तर घाट, डुमरिया घाट समेत कई इलाकों का हवाई सर्वे करने के बाद सीएम बेतिया और फिर वाल्मीकिनगर निकल गये. सीएम के अलावा बिहार सरकार के गन्ना उद्योग मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री कृष्ण नंदन पासवान, अनुसूचित जाति जनजाति के मंत्री जनक राम और डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने बाढ़ प्रभावित रामनगर व जगीरी टोले में हालात का जायजा लिया. सदर प्रखंड में रामनगर गांव से होकर जगीरी टोला, मकसूदपुर, खाप मकसूदपुर और कटघरवा पंचायतों में जानेवाली सड़क पर तीन से चार फुट पानी बहने लगा है. यहां रामनगर प्लस-टू विद्यालय, रामनगर मिडिल स्कूल, जगीरी टोला मिडिल स्कूल, आंगनबाड़ी का केंद्र का आधा हिस्सा बाढ़ के पानी में डूब गया था. लिहाजा बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह से ठप हो गया है. इलाके के लोग आने-जाने के लिए सरकार स्तर पर नाव की मांग कर रहे थे. गांव में कुछ ऊंचे स्थानों पर बसे टोले में पानी प्रवेश नहीं किया था, इसलिए लोग गांव नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. रोजमर्रा के सामान की खरीदारी कर ग्रामीण शाम को गांव में लौट जा रहे हैं. यहां के लोगों का जीवन सुबह-शाम पानी में ही कट रहा है. सदर प्रखंड के कमल चौधरी के टोला में मुंगरहा बांध से जानेवाली सड़क पर भी तीन से चार फुट पानी बह रहा है. यहां के लोग माल मवेशियों को लेकर बाहर निकलने के लिए विवश हैं. सड़क पर पानी बहने और नाव का इंतजाम नहीं होने से इस इलाके के लोग परेशान हैं. तटबंध पर कई परिवार के बच्चे स्कूल जाने के लिए सुबह पहुंच गये, लेकिन बाढ़ का पानी चारों तरफ घिरा देख वापस लौट गये. बच्चे स्कूल नहीं जा सके. इलाके के सरकारी स्कूल भी बाढ़ की वजह से पानी प्रवेश होने पर बंद है. मेहंदिया गांव में भी बाढ़ का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर चुका है. यहां गंडक नदी के अलावा छाड़ी नदी के पानी ने भी चारों तरफ से घेर लिया है. छाड़ी नदी की सफाई होने से इलाके के लोगों के लिए डेंजर हो गया है. वहीं, नेपाल में पिछले 24 घंटे से बारिश थमी हुई है. गंडक नदी के जल अधिग्रहित इलाके में पानी थमने की वजह से वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज का लेवल कम हुआ है. सोमवार की सुबह में वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी का जल स्तर दो लाख 80 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने कहा कि मंगलवार से गंडक नदी का जल स्तर घटेगा. चार लाख 40 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था, वह पानी गोपालगंज से क्रॉस कर चुका है. हालांकि गंडक नदी का जल स्तर डेंजर लेवल से ऊपर बना रहेगा. तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं. नदी के पानी का जहां पर दबाव बना था, वहां पल-पल की निगरानी रखी जा रही थी. काला मटिहनिया में घरों में घुसा पानी गंडक नदी का पानी कुचायकोट प्रखंड के काला मटिहनिया में प्रवेश कर चुका है. यहां वार्ड संख्या सात और छह में पानी प्रवेश करने से दियारावासियों की परेशानी बढ़ गयी है. माल-मवेशियों को लेकर लोग बाढ़ के पानी के बीच जिंदगी काटने को विवश हैं. वहीं, इलाके में जिला प्रशासन की ओर से राहत सामग्री या कम्युनिटी किचेन सेंटर नहीं बनाया गया है. घरों का चूल्हा डूब जाने से यहां के ग्रामीण खाने-पीने को लेकर भी परेशान हैं. माल-मवेशियों के चारा काे लेकर भी संकट बना हुआ है. यहां के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से कम्युनिटी किचेन खोलने और बाढ़ राहत कैंप बनाने के लिए गुहार लगायी है. टंडसपुर, बंजरिया, सलेहपुर, डुमरिया में बाढ़ का खतरा : सिधवलिया. सिधवलिया प्रखंड के बंजरिया गांव में पानी प्रवेश कर गया है. वहीं सलेहपुर, टंडसपुर गांवों के समीप तक पानी पहुंच गया है. ये गांव चारों तरफ से पानी से घिरकर टापू बने हुए हैं. अंचलाधिकारी प्रीति लता, बैकुंठपुर के अंचलाधिकारी गौतम कुमार सिंह तथा महम्मदपुर के थानाध्यक्ष अमित कुमार लगातार बांध पर मॉनीटरिंग कर रहे हैं. अंचलाधिकारी प्रीति लता ने बताया कि लाउडस्पीकर के माध्यम से इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि गांवों में पानी प्रवेश करने की स्थिति में लोग विस्थापित होते हैं, तो टंडसपुर, बंजरिया तथा सलेहपुर के विद्यालयों में कम्युनिटी किचेन का संचालन किया जायेगा. प्लास्टिक का वितरण किया जायेगा. वहीं, गंडक नदी में लगातार जलवृद्धि के कारण टंडसपुर, बंजरिया, सलेहपुर, डुमरिया आदि गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

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