Gopalganj News : बरौली में बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, मां की अर्थी को दिया कंधा
Gopalganj News : बेटियां बेटों से कम नहीं होती, मां-बाप पर केवल बेटों का हीं नहीं बल्कि बेटियों का भी उतना ही अधिकार है. बेटियां भी वो सब कर सकती हैं, जिसकी हर मां-बाप को बेटे से अपेक्षा रहती है और इस बात को साबित कर दिखाया है भड़कुइयां गांव की गीता देवी ने.
बरौली. बेटियां बेटों से कम नहीं होती, मां-बाप पर केवल बेटों का हीं नहीं बल्कि बेटियों का भी उतना ही अधिकार है. बेटियां भी वो सब कर सकती हैं, जिसकी हर मां-बाप को बेटे से अपेक्षा रहती है और इस बात को साबित कर दिखाया है भड़कुइयां गांव की गीता देवी ने. गीता देवी की मां मुन्नी कुंवर की मौत शुक्रवार को हो गयी. गीता देवी के पिता की मौत बहुत पहले हो गयी थी.
मां-बाप की इकलौती संतान है गीता देवी
गीता देवी अपने मां-बाप की इकलौती संतान है. जो मायके में रह कर अपनी मां की देखभाल करती है. शुक्रवार को अचानक मुन्नी कुंवर की मौत हो गयी तो घर में मातम और रोना-पीटना शुरू हो गया, लेकिन गीता देवी ने बिल्कुल ही हिम्मत नहीं हारी और स्वयं मां की चिता के लिए लकड़ी सहित अन्य सामानों की व्यवस्था की. जब सारी व्यवस्था हो गयी, तो गीता देवी ने मुहल्ले के अन्य लोगों के साथ अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट भी पहुंचाया, हालांकि कुछ सामाजिक बंधनों के कारण गीता देवी ने मां को मुखाग्नि नहीं दी. एक बेटी का मां के प्रति इस निभाये गये कर्तव्य को देखकर शहर में इस बात की चर्चा पूरे दिन होती रही. गीता ने साबित कर दिया कि बेटियां बेटों से किसी मामले में कम नहीं हैं.
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