Gopalganj News : 30 मिनट से अधिक समय तक पुलिस की गश्ती गाड़ी खड़ी मिली, तो की जायेगी कार्रवाई : एसपी
Gopalganj News : अगर आपको पुलिस की गश्ती गाड़ी एक ही जगह पर काफी समय तक खड़ी दिखी या वाहन में आराम फरमाते पुलिसकर्मी दिखे, तो शिकायत कीजिए, कार्रवाई होगी.
गोपालगंज. अगर आपको पुलिस की गश्ती गाड़ी एक ही जगह पर काफी समय तक खड़ी दिखी या वाहन में आराम फरमाते पुलिसकर्मी दिखे, तो शिकायत कीजिए, कार्रवाई होगी. एक जगह पर पुलिस की गश्ती गाड़ी 30 मिनट से ज्यादा समय तक बिना किसी वजह के खड़ी नहीं रहेगी. पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने पुलिस की गश्ती व्यवस्था को दुरुस्त करने और बेहतर बनाने के लिए बड़ी पहल शुरू की है. उन्होंने पुलिस के सभी वाहनों में जीपीएस लगाने के निर्देश दिये हैं. वैसे तो पहले से कई वाहनों में जीपीएस लगे हुए हैं, लेकिन कई वाहनों में काम नहीं कर रहा है. जीपीएस जिन वाहनों में लगे हैं, उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिये गये हैं. पुलिस के जिस वाहन में जीपीएस नहीं लगा है, उसमें दो दिनों के अंदर लगाने का निर्देश दिया गया है. जीपीएस लगाने के बाद पुलिस अधीक्षक खुद गश्ती पार्टी की ड्यूटी की मॉनीटरिंग करेंगे. इसके लिए पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में मॉनीटरिंग कक्ष बनाया जा रहा है, जहां उनकी टीम पल-पल के गतिविधि की निगरानी रखेगी. पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित की मानें, तो पुलिस के वाहनों में जीपीएस लगाने से कई फायदे होंगे. पुलिस की गश्ती गाड़ी को आसानी से लोकेट किया जा सकेगा कि किस इलाके में गश्ती हो रही है. किसी एक स्थान पर पुलिस की गश्ती गाड़ी 30 मिनट से ज्यादा समय तक रुक जाती है तो गश्ती पार्टी के पुलिस पदाधिकारी से कारण पूछा जायेगा. गश्ती वाहन रोकने का कारण संतोषजनक रहेगा, तो ठीक है, नहीं तो माना जायेगा कि एक ही जगह पर पुलिस का गश्ती वाहन रहता है, ऐसे मामले में कार्रवाई होगी. इस संबंध में एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि पुलिस गश्ती की हर रोज मॉनीटरिंग की जा रही है. दिन हो रात, हर वक्त पुलिस इलाके में गश्त करेगी. एक स्थान पर 30 मिनट से ज्यादा वक्त पुलिस की गश्ती वाहन रुकता है, तो कारण पूछा जायेगा. जीपीएस से सीधे गश्ती गाड़ी की मॉनीटरिंग होगी, ताकि गश्ती व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके. अपराध की रोकथाम में मिलेगी मदद पुलिस के गश्ती वाहनों की मॉनीटरिंग किये जाने से अपराध की रोकथाम में काफी मदद मिलेगी. इलाके में किसी तरह का अपराध घटित होता है, तो गश्ती वाहन घटनास्थल पर त्वरित गति से पहुंचेंगे. पुलिस के गश्ती वाहन या थानाध्यक्ष के कई बार घटना होने के काफी देर बाद पहुंचने की शिकायतें मिलती रहती हैं, इसकी भी मॉनीटरिंग की जा सकेगी. घटना होने के बाद कब पुलिस का वाहन पहुंचा, इसकी मॉनीटरिंग भी की जा सकेगी.
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