Gopalganj News : सदर अंचल में सीओ पर एफआइआर दर्ज होने के बाद दूसरे को अब तक नहीं मिला प्रभार, काम-काज हुआ ठप

Gopalganj News : तारा देवी को ओबीसी एनसीएल के प्रमाण पत्र की जरूरत है. उन्हें नौकरी के लिए जमा करना है. शुक्रवार को अप्लाइ किया था. सदर अंचल से यह प्रमाण पत्र बनना है. सीओ के नहीं रहने के कारण उनका प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 10:37 PM

गोपालगंज. तारा देवी को ओबीसी एनसीएल के प्रमाण पत्र की जरूरत है. उन्हें नौकरी के लिए जमा करना है. शुक्रवार को अप्लाइ किया था. सदर अंचल से यह प्रमाण पत्र बनना है. सीओ के नहीं रहने के कारण उनका प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा. मंगलवार को आरटीपीएस काउंटर के पास बैठ कर हताश थीं. अकेले तारा ही नहीं उनके जैसे सैकड़ों की संख्या में लोग आय, निवास, इडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, ओबीसी एनसीएल बनाने के लिए परेशान हैं. अंचल पदाधिकारी मो. गुलाम सरवर के खिलाफ कांड दर्ज होने के बाद से अंचल का कार्य पूरी तरह से ठप है. लोगों का कहना है कि प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से दूसरे अधिकारी को अंचल का प्रभार सौंप दिया गया होता, तो वे परेशान नहीं होते. उधर, सदर अंचल में चल रहे सरकारी जमीन को भू-माफियाओं के नाम करने का खेल उजागर हो चुका है. राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन की फर्जी जमाबंदी किये जाने के मामले में सीओ मो. गुलाम सरवर, सीआइ जटाशंकर प्रसाद, कर्मचारी दिनेश मिश्र पर प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद भी सरकारी जमीन की जमाबंदी करने का खुलासा हाइलेवल जांच टीम के समक्ष हो चुका है. जांच टीम के सामने स्पष्ट हो गया कि 18 सितंबर को नगर थाने में कांड दर्ज होने के बाद भी सीओ अपने घर पर बैठकर अंचल कार्यालय का संचालन कर रहे थे. कार्यालय का रेकाॅर्ड व इश्यू रजिस्टर तक आवास पर ले जाया जा रहा था, जहां बैठ कर साहब ने शहर की सरकारी जमीनों की जमाबंदी कर दी. जांच टीम के अधिकारी अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, डीसीएलआर फैजान सरवर की टीम ने ऑफिस के बाबुओं को डांट-फटकार लगाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी. अधिकारियों की फटकार के बाद अंचल कार्यालय का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है. सीओ के नहीं रहने के कारण कार्यालय का काम ठप है. बाबू से लेकर आरटीपीएस काउंटर तक सन्नाटा पसरा हुआ है. प्रमाण पत्रों के लिए लोग बाबुओं को परेशान कर रहे है. रूटीन कार्य भी ठप हो गये हैं. जमीन की रजिस्ट्री का सत्यापन करने में जुटे अधिकारी राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन में जाल-फरेब कर अंचल कार्यालय से सेटिंग कर अपने नाम जमाबंदी करा लेने के मामले में कई स्तर पर जांच हो रही है. नगर परिषद की ओर से भी जांच तेज हो गयी है. अजय दूबे जिस दस्तावेज के आधार पर फर्जी जमाबंदी का कागज रजिस्टर- 2 में जुड़वाने में सफल रहा, उस दस्तावेज की जांच शुरू हो गयी है. 1980 में करायी गयी जमीन की रजिस्ट्री की जांच से सच सामने आ जायेगा. वहीं पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित के इस मामले में गंभीर होने के बाद बस स्टैंड प्रकरण की पुलिस की जांच ने भी जोर पकड़ ली है. कांड के आइओ अपर थानाध्यक्ष मंटू कुमार रजक की टीम ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे जो कांड के सूचक है उनके बयान काे रेकॉर्ड किया. नप के कर्मी प्रमोद कुमार के बयान को भी दर्ज कर लिया है. पुलिस इस कांड में भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाले लोगों की तलाश है. इस कांड में सासामुसा के रहने वाले चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे को संरक्षण कहां से मिल रहा. उसके पीछे फाइनेंस किसका है. अकेले अजय दुबे इतना बड़ा कांड नहीं कर सकता. सभी तथ्यों पर जांच की जा रही है. वहीं डीएम मो. मकसूद आलम से जब इस संबंध में संपर्क किया गया, तो उनके द्वारा बताया गया कि जल्दी ही सदर अंचल का प्रभार दूसरे अधिकारी को दिया जा रहा है ताकि कार्य बाधित नहीं हो.

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