Gopalganj News : एके-47 वाले गैंगस्टर मुन्ना मिश्रा को मिली 10 साल की कठोर सजा, 50 हजार का लगा अर्थदंड, 30 केस में रहा वांछित

Gopalganj News : गुरुवार को व्यवहार न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. एके-47 के साथ गिरफ्तार हुए गैंगस्टर मुन्ना मिश्रा को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-दशम मानवेंद्र मिश्रा के कोर्ट ने 10 साल की कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2025 10:28 PM

गोपालगंज. गुरुवार को व्यवहार न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. एके-47 के साथ गिरफ्तार हुए गैंगस्टर मुन्ना मिश्रा को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-दशम मानवेंद्र मिश्रा के कोर्ट ने 10 साल की कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

चार साल पुराना है यह मामला

चार साल पुराने इस मामले न्यायालय का फैसला आने के बाद मुन्ना मिश्रा को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया. फैसले के दौरान सिविल कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. अभियोजन पक्ष से एपीपी जयराम साह तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता खजांची मिश्र, देवनंदन सिंह की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सजा सुनायी. अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले को साबित करने के लिए कुल सात गवाह पेश किये गये. मालूम हो कि एसपी अवधेश दीक्षित लगातार अभियोजन पदाधिकारी से कोर्ट में चल रही सुनवाई की समीक्षा कर रहे थे.

23 जुलाई 2021 को पकड़ा गया था मुन्ना मिश्रा

गोपालगंज के तत्कालीन एसपी आनंद कुमार के निर्देश पर तत्कालीन एसडीपीओ नरेश कुमार नेतृत्व में गठित एसआइटी ने छापेमारी की थी. कटेया के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुमन कुमार मिश्र के साथ पुलिस टीम ने पकहा तीनमुहानी से एके-47 एसाल्ट राइफल, मैगजीन तथा 28 कारतूस के साथ पानन खास गांव के निवासी कुख्यात मुन्ना मिश्रा उर्फ मनोज मिश्रा उर्फ दिलीप मिश्रा को गिरफ्तार किया था. मामले को लेकर तत्कालीन थानाध्यक्ष ने अपने स्वलिखित बयान के आधार पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

सात पुलिस अफसरों की गवाही पर सजा

मामले में कांड के अनुसंधानक ने 17 सितंबर 2021 को उसके खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया था, जिसके बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. मामले में एक अगस्त 2022 को कोर्ट में आरोप गठन हुआ था. उसके बाद शुरूहुई गवाही के दौरान पुलिस अवर निरीक्षक छोटन कुमार, सुमन कुमार मिश्र, सर्वेंद्र कुमार सिन्हा, अश्विनी कुमार तिवारी, वीरेंद्र कुमार सिंह, अभिषेक कुमार तथा राजेश कुमार सहित कुल सात गवाहों की गवाही हुई, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर सजा सुनायी है.

गैंगस्टर अबरैन मियां से खरीदा था एके-47

मुन्ना मिश्रा ने गिरफ्तारी होने से एक साल पहले मांझा थाने के प्रतापपुर गांव के रहनेवाले गैंगस्टर अबरैन मियां से एके-47 आठ लाख रुपये में खरीदा था. पुलिस ने इस बात का खुलासा करते हुए न्यायालय में अपना पक्ष रखा था. अबरैन मियां एके-47 जैसे हथियारों की तस्करी कर सप्लाइ करने का काम किया था. पुलिस के अनुसार, एक साल पहले 2020 में मुन्ना मिश्रा ने इस हथियार को खरीदा था, उसके बाद मई 2021 में कटेया में एक आपराधिक घटना को अंजाम दिया था, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी तत्कालीन एसपी आनंद कुमार ने जारी किया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version