गोपालगंज. मौसम के मिजाज से वैज्ञानी भी हैरत में है. सितंबर 38 वर्ष में सबसे गर्म रहा है. 1986 में सितंबर महीने में 24 तारीख को तापमान 35.7 डिग्री था. मंगलवार को तापमान 36.1 डिग्री दर्ज किया गया. गर्मी का मौसम बीत गया. माॅनसून का सीजन बीतने वाला है, लेकिन गर्मी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. सितंबर महीने के तीसरे सप्ताह में जून जैसी गर्मी पड़ रही है. सोमवार तक तीखी धूप हो रही थी. मंगलवार को आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही. लेकिन हीटिंग के कारण लोग बेचैन हो उठे. शरीर से पसीना रुकने का नाम नहीं ले रहा था. हवा भी ठप रही. इससे लोगों की बेचैनी बढ़ गयी है. दिन के साथ ही रात को भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. तापमान भी 36 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जो कि औसत से 3.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है. रात का पारा 28 डिग्री बरकरार रहा. रात में भी चैन नहीं मिलने के कारण लोगों का संतुलन बिगड़ रहा है. उधर, मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि मौसम के बदलते मिजाज के बीच बुधवार से बारिश की संभावना बन रही है. अगले पांच दिनों तक बारिश से गर्मी के तेवर को कम करने में मदद करेगी. पूरे सप्ताह भर सामान्य मौसम बने रहने के आसार हैं. इस दौरान बूंदाबांदी से लेकर मध्यम बारिश के आसार हैं. इसके साथ ही माॅनसून अब विदा लेने की तैयारी में है. यह बारिश सीजन की अंतिम बारिश साबित हो सकती है. बारिश के नहीं होने से गर्मी लोगों को कर रहा बीमार 25 जून को मानसून के दस्तक देने के बाद से लगा कि बारिश अच्छी होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मानसून सीजन की शुरुआत में जून में 111 मिलीमीटर के सापेक्ष 48.8, जुलाई में 310.14 एमएम की जगह 243.5 मिलीमीटर बारिश हुई. अगस्त में तय कोटा 310.10 एमएम की जगह 236 मिलीमीटर बारिश होने से गर्मी से लोगों को थोड़ी राहत जरूर हुई. सितंबर महीने में 222.80 मिलीमीटर का कोटा है. अब महीना बीतने में महज छह दिन बचा है और अब तक 26 मिलीमीटर बारिश भी नहीं हो सकी है. नतीजा है कि लोग बीमार हो रहे है. मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि इस सीजन गर्मी पिछले तीन साल में अधिक है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है. सितंबर महीने का अधिकतम तापमान का औसत तापमान 33 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, लेकिन पिछले एक सप्ताह से 36 से 37 डिग्री सेल्सियस तक बना है. वैसे तो आर्द्रता 78% तो पुरवा हवा 13.3 किमी के रफ्तार से चलती रही.
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