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Gopalganj News : राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन के फर्जीवाड़े में कार्रवाई की जद में आये सीओ, कर्मचारी, नप के कुछ अफसर

Gopalganj News : राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन की फर्जीवाड़ा कर जमाबंदी कर देने के मामले में तीन दिनों तक की जांच के बाद पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं.

गोपालगंज. राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन की फर्जीवाड़ा कर जमाबंदी कर देने के मामले में तीन दिनों तक की जांच के बाद पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं. अब प्रशासन के अधिकारी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटे हैं. अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार ने अब तक मिले साक्ष्यों को बारीकी से जांचा. जांच टीम के सामने मिले साक्ष्य में सामने आया है कि कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा गांव के स्व चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे के नाम पर 1980 में जमीन खरीदगी दिखा कर वर्ष 1980-81 से जमाबंदी का रजिस्टर- टू में अलग से एक पन्ना में लिख कर जोड़ दिया गया. अजय दुबे की जन्मतिथि उसके वोटर आइडी कार्ड व आधार में एक जनवरी 1980 दर्ज है. जब उसका जन्म ही 1980 में हुआ, तो उनके नाम पर जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो गयी. वर्ष 2024 तक जमीन की रसीद नहीं कट रही थी. दो सितंबर 2024 की सुबह 10:44 बजे सीओ गुलाम सरवर के द्वारा स्वीकृति देने के बाद तीन सितंबर को बजाप्ता रेंट रसीद भी शाम 3.04 बजे 1900 रुपये की काट दी गयी. जांच अधिकारियों ने अवर निबंधन कार्यालय में दस्तावेज को भी खंगाला. वहां दस्तावेज का कोई ट्रेस नहीं मिला. स्टैंड के 85.9 कट्ठा जमीन को हड़पने के लिए पूरी प्लानिंग के तहत छह लोगों के नाम पर जमाबंदी करा दिखा कर रसीद काटी गयी. जांच के बाद प्रशासन की ओर से बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही. अब कार्रवाई के दायरे में सदर सीओ, राजस्व कर्मचारी, नगर परिषद के अफसर भी आ गये हैं. वहीं इस संदर्भ में सदर विधायक कुसुम देवी ने कहा कि प्रशासन निष्पक्ष होकर पूरे मामले की जांच कर रहा है. जांच में जो भी दोषी होंगे, उनको बख्शा नहीं जायेगा. दोषी अधिकारी पर भी प्राथमिकी दर्ज कर विभागीय कार्रवाई होगी. राजस्व व भूमि सुधार मंत्री से भी इस मामले में बात की गयी है. पूरा मामला मंत्री के संज्ञान में है. ऐसे खुली फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों की पोल कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा के रहने वाले अजय दूबे ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे को आवेदन देकर स्टैंड की जमीन पर अपना दावा ठोका. तब नप ने मामले की जांच नगर परिषद के पत्रांक-1852, दिनांक-11 जुलाई 2024 से सीओ से करायी. सीओ के स्तर से पूरे मामले की जांच कर अपने पत्रांक 2488 दिनांक 06 अगस्त से अपनी रिपोर्ट नगर परिषद को सौंपी. जांच में सीओ ने राजेंद्र नगर बस स्टैंड की भूमि खतियान एवं पंजी-2 के आधार पर जमाबंदी दाखिल-खारिज केस नं0-360/1980-81 के द्वारा पुरानी जमाबंदी नं0-192 एवं 195 से घटाकर कायम किये जाने की बात कही. कुछ लोगों के नाम पर जमाबंदी होने की रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट के बाद नगर परिषद की ओर से चुप्पी साध ली गयी. उधर, 28 दिनाें तक इंतजार के बाद सीओ के स्तर पर रसीद कटवा दी गयी. सीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खाता नं0-57, 65, 178, 179, खेसरा नं0-162, 161, 157, 121 के कुछ अंश भाग पर पलानी एवं गुमटी हाेने का दावा करते हुए कई लोगों का अवैध दखल कब्जा पाया गया. उनके द्वारा दुकानों को बंद बताया गया था. उसके बाद भी नगर परिषद के द्वारा चुप्पी साध ली गयी. जांच टीम के अधिकारियों ने माना कि प्रभात खबर इसे उजागर नहीं करता, तो भू-माफिया अपने मंसूबे में कामयाब हो जाते. सूत्रों की मानें तो सरकार के अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 2022 में आदेश दिया था कि सभी अंचलों में जमीन से संबंधित पंजी 2 और खतियान राजस्व कर्मचारी एक महीने के अंदर अंचल कार्यालय में जमा करेंगे. अंचल पदाधिकारी पंजी के कस्टोडियन होंगे. वह पंजी अंचल कार्यालय में सुरक्षित रहेगा. सदर अंचल में जगह के अभाव में अभिलेख को नहीं मंगाया गया. यदि पंजी अंचल कार्यालय में रहता तो यह फ्रॉड नहीं होता.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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