गोपालगंज. शहर के राजेंद्र बस स्टैंड की करीब 85 कट्ठा जमीन की फर्जी तरीके से की गयी जमाबंदी के आरोपित सदर सीओ मो. गुलाम सरवर ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा के कोर्ट ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कांड के अनुसंधानक से केस डायरी की मांग करते हुए मामले की सुनवाई की अगली तिथि आठ अक्तूबर निर्धारित कर दी. सीओ ने अपने अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी के माध्यम से कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीओ के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि इस मामले में वे निर्दोष हैं. उनके गोपालगंज में आने से पहले ही मामले में जमाबंदी कायम कर दी गयी थी. उधर, लोक अभियोजक देववंश गिरि उर्फ भानु गिरि ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कांड के आइओ से केस डायरी मांगने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. डीएम के आदेश पर जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद फर्जी तरीके से जमीन की जमाबंदी करने के आरोप में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल धर दूबे ने नगर थाना में बस स्टैंड की जमीन पर अपना दावा करने वाले अजय दुबे के अलावा सदर सीओ गुलाम सरवर, प्रभारी राजस्व अधिकारी जटाशंकर प्रसाद व राजस्व कर्मचारी दिनेश चंद मिश्र पर प्राथमिकी करा दी. अधिकारियों की जांच में पग-पग पर मिला फर्जीवाड़ा कुचायकोट थाने के सासामुसा निवासी अजय दूबे ने जाली कागजात बनाकर जमीन को वर्ष 1980 में रजिस्ट्री कराने का दावा करते हुए दाखिल-खारिज के लिए आवेदन किया था. आवेदन किये जाने के बाद अंचल कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से दाखिल-खारिज कर भी दिया गया. साथ ही जाली कागजात के आधार पर जमाबंदी कराने वाले अजय दूबे ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखकर बस स्टैंड की जमीन को खाली कराने की मांग तक कर दी थी. मामला तूल पकड़ने पर डीएम मो. मकसूद आलम ने सदर एसडीओ से पूरे मामले की जांच करायी. एसडीओ की जांच में पग-पग पर फर्जीवाड़ा मिला. वहीं दूसरी ओर शहर के राजेंद्र नगर बस स्टैंड के अरबों की जमीन की जमाबंदी करने के मामले में सदर अंचल के सीओ मो. गुलाम सरवर पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद ठप पड़े कार्यों को रफ्तार देने में प्रशासन जुटा है. एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार की पहल पर डीएम ने सदर अंचल के रूटीन कार्यों को करने के लिए तत्काल प्रभाव से बीडीओ जितेंद्र सिंह को प्रभार देने का निर्णय लिया गया है. लोगों की परेशानी को देखते हुए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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