Gopalganj News : सर्द पछुआ ने बढ़ायी ठिठुरन, दिन का पारा चार डिग्री लुढ़का, नहीं निकली धूप

Gopalganj News : हिमालय से ठंडक लेकर आयी पछुआ हवा ने मंगलवार को ठिठुरन बढ़ा दी. सूरज दिन भर बादलों की ओट में छिपा रहा. सूर्यदेव बादलों से निकलने का कई बार कोशिश की, लेकिन बादलों ने कब्जा कर लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 31, 2024 10:27 PM

गोपालगंज. हिमालय से ठंडक लेकर आयी पछुआ हवा ने मंगलवार को ठिठुरन बढ़ा दी. सूरज दिन भर बादलों की ओट में छिपा रहा. सूर्यदेव बादलों से निकलने का कई बार कोशिश की, लेकिन बादलों ने कब्जा कर लिया. धूप न निकलने से गलन बढ़ गयी. 48 घंटे के अंदर अधिकतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस लुढ़क गया. सन शाइन आवर शून्य रिकॉर्ड किया गया.

काफी कम रही दृष्टता

सुबह सात बजे दृश्यता सामान्य दो किमी की तुलना में 430 मीटर रही. शाम होने के साथ ही पछुआ हवाओं के कारण शहर में सन्नाटा पसर गया. चौक-चौराहों पर रात गुजारने वाले फुटपाथियों के लिए मौसम जानलेवा बन गया है. मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय का अनुमान है कि अभी दो दिन तक यही स्थिति रहेगी, लेकिन बारिश के आसार नहीं हैं. नमी कम होने पर बादल छंटेंगे. इससे दिन का तापमान बढ़ेगा और रात का गिरेगा. राजस्थान के साथ ही उत्तर प्रदेश के साथ उत्तर बिहार के क्षेत्र पर भी एक चक्रवाती घेरा बना हुआ है. यह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी खींच रहा है. इसका असर गोपालगंज पर आ रहा है.

सर्द हवाओं की गति तेज होने से बढ़ी गलन

पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हिमालय पर बर्फबारी और बारिश हो रही है. उत्तर पश्चिमी हवा ठंडक लेकर आ रही है. मंगलवार को 11.8 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाओं की गति होने से गलन महसूस हुई. दो दिन तक कमोबेश यही स्थिति रहने वाली है. बादल छंट जाने पर धूप निकलेगी. इससे गलन कम होगी और ठंड बनी रहेगी.

रात में 8.7 डिग्री पर पहुंचा तापमान

मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान 20.4 तो न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.3 डिग्री कम होकर 8.7 डिग्री दर्ज किया गया. साथ ही नमी 95 फीसदी हो गयी. डॉ. पांडेय ने बताया कि दो से छह जनवरी के बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ हिमालय और देश के उत्तर पश्चिमी भाग के मैदानी इलाकों को प्रभावित कर सकता है.

तापमान में अधिक अंतर नुकसानदेह

मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 11 डिग्री का अंतर है. जितना अधिक अंतर होता है, उतना सेहत के लिए नुकसानदेह होता है. इससे शरीर को सुबह और रात के तापमान के अंतर के साथ एडजस्ट करना पड़ता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और बीमारियां बढ़ती हैं.

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