गोपालगंज. थावे थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में सोमवार को एक दुकानदार की हत्या करने पहुंचे अपराधी को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला. मृत आरोपित की पहचान अभिषेक ठाकुर के रूप में हुई है, जो थावे थाना क्षेत्र की पैठानपट्टी पंचायत का रहनेवाला है और रविवार को ही आर्म्स एक्ट के मामले में जमानत पर जेल से बाहर निकला था. वहीं, अपराधियों की फायरिंग में खाद दुकानदार पवन सिंह जख्मी हो गया, जिसका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया. पुलिस ने घटना के पीछे जमीन को लेकर चल रहा विवाद बताया है. बताया जाता है कि सोमवार की सुबह अभिषेक ठाकुर एक अन्य साथी के साथ बाइक से जगदीशपुर गांव में पहुंचा हुआ था. वहां उसने पवन सिंह नाम के दुकानदार की हत्या करने के लिए फायरिंग कर दी. गोली दुकानदार के जबड़ा और हाथ को छूकर निकल गयी. जख्मी दुकानदार को इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया गया. वहीं, घटना से आक्रोशित लोगों ने फायरिंग कर भाग रहे अभिषेक ठाकुर को पकड़ लिया और उसके हाथ-पैर बांधकर पीट-पीटकर हत्या कर दी. घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से दो हथियार, कारतूस और खोखा भी बरामद किये हैं. एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि मामला संदिग्ध है. पुलिस की एफएसएल टीम घटनास्थल पर जांच कर रही है. पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए पवन सिंह को हिरासत में लिया है. वहीं, इलाके में हुई फायरिंग और मॉब लिचिंग की घटना से लोगों में दहशत है. जेल से निकले अपराधी अभिषेक ठाकुर की हत्या के पीछे मॉब लिंचिंग की साजिश तो नहीं! थावे थाने के जगदीशपुर गांव में सोमवार की सुबह हुई मॉब लिंचिंग की पुलिस ने गहनता से जांच शुरू कर दी है. मॉब लिंचिंग के पीछे किसी की साजिश तो नहीं थी, क्योंकि मृत अपराधी और हमले का आरोप लगानेवाले दुकानदार दोनों एक ही पंचायत रामचंद्रपुर के रहनेवाले हैं. पुलिस की मानें, तो मृत अपराधी अभिषेक ठाकुर ऑर्म्स एक्ट के मामले में जमानत पर जेल से रविवार को ही बाहर निकला था और वह जेल में बंद अपराधी हरपुर के पंडित टोला निवासी मनोरंजन उर्फ गड़ासी के लिए काम करता था. मनोरंजन उर्फ गड़ासी और जगदीशपुर के मुन्नी लाल सिंह के 35 वर्षीय पुत्र पवन सिंह के बीच जमीन कब्जाने को लेकर पहले से विवाद चल रहा था. पुलिस ने इस विवाद में ही पवन सिंह की हत्या करने कुछ दिन पूर्व पहुंचे मनोरंजन उर्फ गड़ासी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन वहां से अभिषेक ठाकुर फरार हो गया था. पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जमानत के बाद जब अभिषेक ठाकुर बाहर निकला, तो जगदीश गांव में पहुंच गया. वहां आरोप है कि उसने खाद दुकानदार पवन सिंह को मारने के लिए गोली चलायी, जिसमें पवन सिंह जख्मी हो गया. घटना को मॉब लिचिंग का रूप देकर जंगल में आग की तरह फैला दिया गया. पुलिस भी मॉब लिंचिंग की खबर पाकर बिना देर किये घटनास्थल पर पहुंच गयी. पुलिस को पवन सिंह के करीबियों ने हथियार और कारतूस दिया, जिसे अपराधी अभिषेक ठाकुर का होने का दावा किया गया. पुलिस ने सड़क पर गिरे कुछ कारतूस और खोखा को भी बरामद किया. घायल पवन सिंह को परिजनों ने सदर अस्पताल पहुंचाया, जबकि अपराधी को थावे पुलिस लेकर पहुंची, जहां उसे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. अपराधी के बंधा हुए थे हाथ-पैर वारदात के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो वहां के लोग फरार हो चुके थे. पुलिस ने अपराधी को अपनी कार में लेकर सदर अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. अपराधी को जब सदर अस्पताल लाया गया, तो उसके हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अपराधी की हत्या से पहले हाथ-पैर को बांध दिया गया था. कुछ लोग बता रहे थे कि हाथ-पैर बांधने के बाद एक कमरे में ले जाकर वारदात को अंजाम दिया गया.
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