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Gopalganj News : मां सिंहासनी के दर्शन के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब, भक्तों के जयकारों से गूंज रहा मंदिर परिसर

Gopalganj News : मंदिर में शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन भी भक्तों का सैलाब उमड़ा. तरह-तरह के बेंगलुरु से मंगाये गये पुष्पों, चुनरी से मंदिर की गर्भ गृह की सजावट एक अलौकिक छटा बिखेर रही थी. मां के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो गये.

थावे. मंदिर में शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन भी भक्तों का सैलाब उमड़ा. तरह-तरह के बेंगलुरु से मंगाये गये पुष्पों, चुनरी से मंदिर की गर्भ गृह की सजावट एक अलौकिक छटा बिखेर रही थी. मां के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो गये. शुक्रवार की सुबह मां सिंहासनी की मंगला आरती के बाद से श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी रही. मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप में मां सिंहासनी का विधि-विधान से दर्शन-पूजन कर माता के भक्तों ने पुण्य की कामना की. मां के दरबार में मत्था टेकने के बाद श्रद्धालुओं ने भक्त रहषु मंदिर में भी दर्शन-पूजन कर जंगलों का आनंद उठाया. थावे की गलियां माता के जयकारे से गुंजायमान है. सुबह चार बजे से ही माता के दरबार में दर्शन-पूजन करने उमड़े माता के दरबार में पहुंचे और माथा टेका. यूपी, नेपाल, बिहार के विभिन्न जिलों से आये भक्तों की लंबी कतार लगी रही. भक्तों ने नवरात्र के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की. वहीं तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होगी. नवरात्र के दूसरे दिन देर रात तक भक्तों की कतार दिखी. यूपी से पहुंचे गोरखपुर के पूर्व जिलाधिकारी ने उनके परिजनों में भी कतार में लगकर पूजा की. इसके अलावा राजनेताओं के अलावा न्यायिक पदाधिकारी भी मां के दर्शन के लिए पहुंचे. वहीं एडीजे मानवेंद्र मिश्र के मां चरणों में प्रतिदिन अर्चना कर रहे हैं. उधर, मंदिर के मुख्य पुजारी पं संजय पांडेय ने बताया कि नवरात्र में मां की कृपा आने वाले सभी भक्तों पर रहती है. मां की कृपा से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता है. मां की ऐसी कृपा है कि इनके दर्शन करने से सभी क्लेश खत्म हो जाते है. घर में सुख-शांति आती है. वहीं ज्योतिषाचार्य पं राजेश्वरी मिश्र ने बताया कि नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा संतुष्टि, आरोग्यता व संपन्नयता की प्रतीक है. माता का ये स्वरूप सौम्य और शांत है. मां की पूजा से घर का क्लेश खत्म हो जाता है. उनके समक्ष एक छोटे लाल वस्त्र में लौंग, पान, सुपारी रखकर मां के चरणों में चढ़ाएं. मां को प्रसाद के रूप में फल और केसर-दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं. मां को रजनीगंधा, बेली व चमेली की फूल पसंद है. ऐसा करने से साहसी और पराक्रमी बनने का वरदान मिलता है भक्तों को मिल रहे दिव्य दर्शन मंदिर प्रशासन की ओर से इस बार भक्तों के लिए गर्भगृह का गेट खुलवा दिया गया है. महिला अब मंदिर के उत्तर वाले गेट से, तो पुरुष दक्षिण वाले गेट से दिव्य दर्शन करने के बाद निकलने लगे हैं. इससे बहुत राहत भक्तों को हुई. आसानी से मां के दर्शन होने लगे. लोग मां को नारियल, चुनरी, पेड़ा चढ़ाकर अपनी कामना करते दिखे. दूर-दूर से आने वाले भक्त इस बार के इंतजामों को देख कर काफी संतुष्ट दिखे. थावे मंदिर में नवरात्र के दूसरे दिन प्रशासन के अधिकारी सुरक्षा को लेकर मुस्तैद रहे. कंट्रोल रूम में सुबह 04:00 बजे से ही सीओ रवि भूषण गौरव, बीडीओ अजय प्रकाश राय और थानाध्यक्ष धीरज कुमार मुस्तैद रहे. इसके अलावे पुलिस चप्पे-चप्पे पर भक्तों की सुरक्षा में जुटे रहे. वैसे तो थावे सिंहासनी मंदिर प्रवेश द्वार पर पूर्णमणि प्रजापति श्रम परिवर्तन पदाधिकारी थावे, रतिकांत श्रीवास्तव कृषि समन्वयक थावे, एसआइ जितेंद्र कुमार, मंदिर निकास द्वार पर चंचल कुमार, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी थावे, रणधीर कुमार सिन्हा तकनीकी सहायक मनरेगा थावे, एसआई मुकेश कुमार, मंदिर परिसर में प्रभारी सीओ और वेदनारायण, एटीएम, कुणाल कुमार, बीपीएम जीविका कमाने संभाले हुए थे. भक्तों की सुरक्षा के अलावे सीसीटीवी से भी मॉनीटरिंग हाेती रही.

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