Gopalganj News : देवउठनी एकादशी व्रत कर भक्तों ने की सुख-समृद्धि की कामना

Gopalganj News : सृष्टि के पालनहार श्रीहरि भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर चार महीने की अपनी योगनिद्रा से जागे. सनातन के सबसे बड़े व्रतों में यह व्रत भक्तों ने पूरी निष्ठा के साथ उनकी आराधना करने के साथ व्रत किया. स्नान के साथ ब्राह्मणों व भिक्षुकों में चावल, दाल सहित अन्य चीजों का दान किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 12, 2024 10:06 PM

गोपालगंज. सृष्टि के पालनहार श्रीहरि भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर चार महीने की अपनी योगनिद्रा से जागे. सनातन के सबसे बड़े व्रतों में यह व्रत भक्तों ने पूरी निष्ठा के साथ उनकी आराधना करने के साथ व्रत किया. स्नान के साथ ब्राह्मणों व भिक्षुकों में चावल, दाल सहित अन्य चीजों का दान किया. 11 फलों को श्री हरि को समर्पित कर प्रसाद ग्रहण किया. देवउठनी की शाम मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर द्वार पर ही खड़े होकर मन ही मन कनकधारा स्त्रोत का पाठ किया. कनकधारा स्त्रोत के पठन और श्रवण दोनों से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि की कामना की. उधर, जिले के प्रमुख मठ- मंदिरों में भी एकादशी काफी धूमधाम से मनाया गया. पकड़ियार मठ में संत शिरोमणी स्वामी विशंभर दास जी महाराज के सान्निध्य में एकादशी महोत्सव का आयोजन हुआ, जहां परम शिष्य अर्घेंदु ब्रह्मचारी की देखरेख में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं फुलवरिया के राधागंज मंदिर में भी एकादशी पर कार्यक्रम का आयोजन संत पदम दास जी महाराज के द्वारा आयोजित किया गया था. भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. भगवान विष्णु के जागने पर तुलसी विवाह किया गया. भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप संग तुलसी विवाह विधि-विधान के साथ किया गया. कई मंदिरों में मंगलवार होने के कारण बाद में तुलसी विवाह का आयोजन हुआ. देवउठनी एकादशी पर सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप के साथ तुलसी जी का विवाह कराने पर सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. नारायण द्वादशी व्रत आज बुधवार को प्रदोष तिथि पड़ने वाले को बुध प्रदोष व्रत हैं. संयोग से इस दिन ही नारायण द्वादशी व्रत भी किया जायेगा. रात 1:45 बजे पर पंचक समाप्त भी हो जायेंगे. उपवास करने और प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने से बौद्धिक विकास होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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