Gopalganj News : मां सिंहासनी के दर्शन कर धन्य हुए श्रद्धालु, मां कात्यायनी के स्वरूप की हुई पूजा-अर्चना
Gopalganj News : शारदीय नवरात्र के छठे दिन मां सिंहासनी के दरबार में भक्तों का तांता लगा है. भक्त मां के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद मांगते रहे हैं. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम दिखे. प्रत्येक द्वार पर सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये. इसके साथ ही तीसरी आंख की निगहबानी भी दिखी.
थावे (गोपालगंज). शारदीय नवरात्र के छठे दिन मां सिंहासनी के दरबार में भक्तों का तांता लगा है. भक्त मां के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद मांगते रहे हैं. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम दिखे. प्रत्येक द्वार पर सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये. इसके साथ ही तीसरी आंख की निगहबानी भी दिखी. बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे में मां सिंहासनी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. नवरात्र के छठे दिन मंगलवार को मंगला आरती के बाद मंदिर का पट दर्शन के लिए खोला गया. इससे पूर्व से ही हजारों की संख्या में भक्तों की कतारें लगी थीं. जय माता दी के नारों से इलाका गुंजायमान हो रहा था. नेपाल, यूपी, बिहार के विभिन्न हिस्सों से आये भक्तों ने दर्शन किये. शयन आरती तक दर्शन के लिए भक्त कतार में लगे रहे. धूप भी भक्तों के आस्था को नहीं डिगा पायी. कतार में लगे भक्तों का कदम गर्भगृह की ओर बढ़ता जा रहा था. कई भक्तों ने कहा, मां सिंहासनी के दर्शन करने से एक शक्ति का अनुभव हो रहा है. वहीं नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी के स्वरूप की पूजा की गयी. मां के दर्शन मात्र से शादी-विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाते हैं. शादी के लिए मां को शहद चढ़ाकर कामना की. मंदिर के मुख्य पुजारी पं सुरेश पांडेय ने बताया कि मां के छठे रूप का दर्शन भक्त कृपा के पात्र बने. मां कात्यायनी के दर्शन व पूजा करने से भक्तों के यहां मंगल कार्य होते रहते हैं. गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, पूर्वी चंपारण, प चंपारण, सीवान, छपरा से आये पर्यटकों ने मां के दर्शन करने के बाद भक्त रहषु के भी दर्शन किये. हजारों की तादाद में भक्तों ने जंगल में घूमकर आनंद उठाया. इसके साथ ही सरोवर का भी लुत्फ उठाया. खासकर महिलाओं ने मेले में घूमकर जमकर खरीदारी की. सप्तमी से यहां लाखों की भीड़ उमड़ने की बात कही जा रही है. थावे में मां के दर्शन के लिए यूपी से ट्रेन के पहुंचने के साथ ही भीड़ बढ़ गयी. यूपी के सुदूर ग्रामीण इलाके से भक्तों ने पहुंचकर मां के दर्शन करने के साथ ही मेले का जमकर लुत्फ उठाया. मां के पास कामना के प्रतीक मंदिर कैंपस में बने घंटे के पास रक्षा सूत्र बांधा. देवरिया से आयी शिवकुमारी देवी ने बताया कि पिछले 14 वर्षों से हर नवरात्र में आती हूं. मां की कृपा से सबकुछ मिला है. कभी कोई कमी नहीं रही. कभी निराश नहीं होने देती हैं. मां कालरात्रि को गुड़ का भोग अर्पित करें मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं. नवरात्र के सातवें दिन मां के कालरात्रि स्वरूप की पूजा होती है. माता को नीले रंग का कृष्ण कमल का फूल अधिक प्रिय है. मां को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने व उसे ब्राह्मण को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है एवं आकस्मिक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है. इसके अलावा गुड़ का भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में खाना सेहत के लिए भी फायदेमंद है.
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