गोपालगंज. राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन की फर्जी जमाबंदी भू-माफिया के नाम पर करने के मामले में सीओ मो. गुलाम सरवर के खिलाफ प्रपत्र क गठित कर डीएम मो मकसूद आलम ने रिटायरमेंट से पूर्व राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेज दिया. प्रपत्र क में आरोप गठित होने के बाद विभाग को अगली कार्रवाई करनी है. विभाग के आदेश पर गठित जांच टीम में शामिल अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, डीसीएलआर की टीम ने जांच की. जांच अधिकारियों को ना सिर्फ राजेंद्र नगर बस स्टैंड बल्कि अब तक कई सरकारी प्लाॅट, सिकमी वाली जमीन की भी जमाबंदी कायम कर भू-माफियाओं के नाम कर दाखिल- खारिज कर उनके नाम पर रेंट रसीद भी कटवा देने के साक्ष्य मिले थे. शहर में जिन जमीनों की जमाबंदी की गयी है, उसकी कीमत करोड़ों की है. सीओ के खिलाफ डीसीएलआर मो फैजान सरवर के द्वारा पुख्ता साक्ष्य के साथ आरोप गठित किया गया है. राजस्व विभाग के एक्शन पर सबकी नजर टिकी हुई है. उधर, सीआइ जटाशंकर प्रसाद के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई तेज कर दी गयी है. डीएम के आदेश पर इस मामले में आरोपित राजस्व कर्मचारी दिनेश चंद्र मिश्र की संविदा को रद्द कर पेंशन पर एक्शन लिया जा चुका है. डीएम मो मकसूद आलम ने इस पूरे प्रकरण में गंभीरता से कार्रवाई की. नगर परिषद की ओर से दर्ज कराया गया कांड फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद डीएम के आदेश पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल धर दुबे ने नगर थाने में 18 सितंबर को सीओ, राजस्व कर्मचारी, सीआइ व भू-माफिया सासामुसा के चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे के खिलाफ नगर थाना कांड सं-673/24 दर्ज करा दिया था. पुलिस अब पूरे मामले की जांच अपने स्तर से कर रही है. इस बीच सरकारी जमीनों की जमाबंदी कर दी गयी. मालूम हो कि कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा गांव के स्व चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे ने अधिकारियों की सेटिंग से बस स्टैंड की जमीन को अपने नाम करा लिया था. प्रभात खबर ने 10 सितंबर के अंक में इसका खुलासा किया कि अजय दूबे ने जन्म लेने के साथ ही बस स्टैंड की अरबों की जमीन की अपने नाम से रजिस्ट्री करा दी थी. 1980 में जमीन खरीदगी दिखा कर वर्ष 1980-81 से जमाबंदी के रजिस्टर- टू में अलग से एक पन्ने में लिख कर जोड़ दिया गया था. अजय दुबे की जन्मतिथि उसके वोटर आइडी कार्ड में एक जनवरी 1980 दर्ज है. जब उसका जन्म ही 1980 में हुआ, तो उनके नाम पर जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो गयी. वर्ष 2024 तक जमीन की रसीद नहीं कट रही थी. दो सितंबर, 2024 की सुबह 10:44 बजे सीओ गुलाम सरवर के द्वारा स्वीकृति देने के बाद तीन सितंबर को बजाप्ता रेंट रसीद भी अपराह्न 3:04 बजे 1900 रुपये की काट दी गयी.
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