Gopalganj News : दीपावली में आपके घर जलेंगे मिट्टी के दीये, तो गरीब व मजदूरों के भी घर होंगे रोशन

Gopalganj News : दीपावली पर्व घर में सुख, समृद्धि व खुशी के लिए मनाया जाता है. धन की देवी लक्ष्मी एवं कुबेर की पूजा की जाती है. दीये जलाए जाते हैं, जिससे घर रोशन हों. लेकिन वह दीया अधिकतर घरों में इलेक्ट्रिक लाइट के बने होते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 28, 2024 10:53 PM
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हथुआ. दीपावली पर्व घर में सुख, समृद्धि व खुशी के लिए मनाया जाता है. धन की देवी लक्ष्मी एवं कुबेर की पूजा की जाती है. दीये जलाए जाते हैं, जिससे घर रोशन हों. लेकिन वह दीया अधिकतर घरों में इलेक्ट्रिक लाइट के बने होते हैं. उक्त इलेक्ट्रिक दीया से आपके घर यश, कृति समृद्धि नहीं आ सकती है न ही आपके आस-पास रहने वाले गरीबों के घर भी रोशन नहीं होंगे. पर्यावरण भी शुद्ध नहीं होगा. इसलिए सदियों से चली आ रही दीपावली पर मिट्टी के दीये ही जलाएं. इसकी रोशनी से आपके घर रौशन तो होंगे ही, इसके अलावा गरीब एवं मजदूरों के घर भी खुशियां लाएंगी. पर्यावरण भी शुद्ध रहेंगे. हमारे यहां परंपरा रही है कि किसी भी शुभ अवसर पर मिट्टी के दीये को शुद्ध माना जाता है और उसे उपयोग में लाया जाता है. हमें और आने वाली पीढ़ियों को भी मिट्टी के दीये का उपयोग करना चाहिए. गोपेश्वर कॉलेज में प्रभात खबर की मुहिम के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी तथा छात्र-छात्राएं शामिल हुए. छात्रों ने ताली बजाकर परिचर्चा का शुरुआत की. प्राचार्य डाॅ महेश चौधरी ने छात्रों को मुहिम के बारे में बताया और दीपावली से जुड़ी सभी पहलुओं पर चर्चा की. साथ ही कहा कि दीपावली पर्यावरण के अनुकूल और बेहतर हो सकती है साथ ही अन्य शिक्षकों ने भी अपनी विचार को व्यक्त किया. जिस तरह से स्वच्छ पर्यावरण में आप स्वस्थ रह सकते हैं. उसी तरह आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्रदूषणमुक्त दीपावली मनानी चाहिए. दीपावली खुशियों का त्योहार है. अगर मनुष्य स्वस्थ है, तो उसके लिए त्योहार है. अस्वस्थ मनुष्य के लिए त्योहार भी अच्छी नहीं लगती है. इसलिए पर्यावरण स्वच्छ रहेगा, तो आप भी स्वस्थ रहेंगे. हर साल दीपावली पर पटाखे, केमिकलयुक्त चीजें, प्लास्टिक आदि का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है. इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है. इस दौरान वायु व ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. पर्यावरण और सेहत को ध्यान में रखते हुए हमें प्रदूषण मुक्त दीपावली मनानी चाहिए, तो आइए हम पर्यावरण के अनुकूल या इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की ओर कदम बढ़ाएं. कुछ बातों का ध्यान रखकर हम इको फ्रेंडली दीपावली मना सकते है और अपनी खुशियाें में चार चांद लगा सकते हैं. परिचर्चा के दौरान छात्रों ने कहा- थैंक यू प्रभात खबर परिचर्चा में शामिल कई छात्रों ने अपने विचार भी रखें. अंत में छात्रों ने पर्यावरण के अनुकूल दीपावली मनाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राएं काफी खुश नजर आये. कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं ने एक स्वर में प्रभात खबर को थैंक यू कहा. वहीं प्राचार्य डा महेश चौधरी ने कहा कि दीपावली में चाइनीज लाइट एवं झालरों की जगह देशी मिट्टी के दीयों का प्रयोग करें. गरीब एवं जरूरतमंद लोगाें को उपहार दें. पटाखे का प्रयोग नहीं करें. इससे प्रदूषण मुक्त वातावरण होगा. रंगोली बनाने के समय केमिकल वाले रंगों की जगह देशी प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें.

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