गोपालगंज. जिले में ड्रग्स माफिया स्टूडेंट्स को सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं. चूंकि बच्चों पर पढ़ाई के साथ माता-पिता के सपनों को पूरा करने का दबाव रहता है. ऐसे में ड्रग्स कारोबारी बच्चों के बीच रहकर उनका विश्वास जीतकर स्ट्रेस कम करने और एकाग्रता बढ़ाने की पुड़िया में ड्रग्स थमा रहे हैं. शहर के स्कूल-कॉलेजों, कोचिंग के अलावे ग्रामीण इलाके में नशे का जहर तेजी से फैल रहा है. जिले में आये स्टूडेंट्स ड्रग्स माफिया का सॉफ्ट टारगेट बन रहे हैं. ड्रग माफिया पहले-पहले बच्चों की रोजमर्रा के कामों में मदद कर उनका विश्वास जीतते हैं, फिर पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने की पुड़िया के बहाने उन्हें ड्रग्स से जोड़ देते हैं. पहले हफ्ते-15 दिन में एक पुड़िया या गोली से बात शुरू होती है, फिर धीरे-धीरे लत बन जाती है. इग्स सप्लायर्स ने शराब, स्कूल व कोचिंग बाहुल्य. क्षेत्र के आसपास ठिकाने बना रखा है, जहां से एक कॉल पर ड्रग्स सप्लाइ की जाती है. जिले में अलग-अलग इलाकों में एमडी, गांजा, स्मैक और चरस के अलग-अलग कोडवर्ड भी चलन में हैं. पुड़िया, बंशी, टिकट, बच्चा, माल, ट्यूब, पन्नी, पीपी और डिब्बा जैसे कोडवर्ड में नशे का कारोबार होता है. मालूम हो कि एक सौ से 2500 रुपये की पुड़िया से शहर में स्मैक, अफीम, गांजा और अन्य तरह के ड्रग्स की खपत बढ़ रही है. करियर बनाने शहर में आये युवा नशे के चंगुल में फंसकर जीवन बर्बाद कर रहे हैं. नशा कारोबारियों का जाल शहर की गलियों तक पहुंच चुका है. नशा माफिया युवाओं को जाल में फंसाने के लिए होम डिलिवरी कर रहे हैं. शहर में कई ठिकाने ऐसे हैं जहां युवाओं को स्मैक इंजेक्शन दिया जा रहा है. शाहपुर गांव से पुलिस ने एक लाख के ड्रग्स के साथ महिला को दबोचा मांझा थाना के शाहपुर गांव में ड्रग्स को बेचने का उद्भेदन करते हुए ड्रग्स के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है. गांव में ड्रग्स की पुड़िया बेचे जाने का खुलासा होने के बाद पुलिस की भी बेचैनी बढ़ी हुई है. एसडीपीओ सिधवलिया अभय रंजन ने बताया कि मुखबीरों की सूचना पर इंस्पेक्टर हरेंद्र कुमार के नेतृत्व में मांझा थानाध्यक्ष संग्राम सिंह व बरौली के थानाध्यक्ष संदीप कुमार की टीम ने शाहपुर गांव में स्वामीनाथ साह के घर छापेमारी की, जहां उनकी पत्नी सोनमती देवी को बेचते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. इसमें गांजा लगभग 875 ग्राम, ब्राउन स्मैक 53 ग्राम, सफेद स्मैक 66 ग्राम, जिसमें दोनों स्मैक से लगभग 4400 पुड़िया बना के बेचा जाता. जिसकी मार्केट वैल्यू लगभग एक लाख है. इनको पहले भी मांझागढ़ थाने से पकड़ा जा चुका है. इनके द्वारा बड़हरिया और बरौली के क्षेत्र से माल खरीदा जाता है. इसकी जांच एवं अग्रिम कार्यवाही की जा रही है. इससे पूर्व भी गांजा और ब्राउन स्मैक, व्हाइट स्मैक और कैश के साथ पकड़ा गया था. मांझा थाने में 211/22 कांड दर्ज है. पुलिस अब इनके नेटवर्क को खंगालने में जुटी है. वहीं सिधवलिया एसडीपीओ अभय रंजन ने बताया कि महिला से पूछताछ के बाद कुछ खुलासा हुआ है. इसपर पुलिस काम कर रही है. जल्दी ही नेटवर्क का खुलासा पुलिस कर लेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है