Gopalganj News : भारी बारिश से किसानों को लाभ, तो शहर हुआ जलमग्न, सड़कें बनीं तालाब, शहर के कई मुहल्लों के घरों में घुसा पानी

Gopalganj News : बरौली. गुरुवार की रात के 10 बजे से शुरू हुई बारिश ने किसानों को तो खुशी दी है लेकिन वार्डवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी में खलल डाल दिया है. किसान खुश हैं कि धान के पौधों को संजीवनी मिल गयी लेकिन शहर के सड़क जलजमाव से त्रस्त हो गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2024 10:39 PM
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बरौली. गुरुवार की रात के 10 बजे से शुरू हुई बारिश ने किसानों को तो खुशी दी है लेकिन वार्डवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी में खलल डाल दिया है. किसान खुश हैं कि धान के पौधों को संजीवनी मिल गयी लेकिन शहर के सड़क जलजमाव से त्रस्त हो गये हैं. शहर के अमूमन सभी वार्डों की सड़कों पर पानी जमा है लेकिन वार्ड नौ और 11 भड़कुइयां तिवारी टोला, थाना रोड तथा थाना चौक से दुबेटोली होकर बाजार जाने वाली सड़क की स्थिति सबसे बुरी है. इसके अलावा रतनसराय वार्ड 18 के कुछ घरों में भी पानी घुस गया है, जिससे आम जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गयी है. थाना रोड के ऊपर से पानी गुजर रहा है, वहीं को-ऑपरेटिव बैंक के पास से निकलने वाली सड़क पानी से बेहाल है. इसमें मुख्य पथ से लेकर बाबू टोली तक सड़क पर पानी ही पानी जमा है. कुछ ऐसे ही हालात दुबेटोली के हैं, जहां दलित बस्ती के करीब एक दर्जन घरों में बारिश का पानी घुसा है. इस बस्ती का पानी आनंदनगर पुलिया से निकल कर कन्या विद्यालय होकर चंवर में जाता था लेकिन दोनों पुल का अस्तित्व समाप्त हो गया है और नये मकान बना दिये गये हैं. पानी को रास्ता नहीं मिलने के कारण अब इस मुहल्ले में पूरी बरसात घरों में पानी जायेगा ही जायेगा. कुछ ऐसी ही दशा वार्ड 18 की है, यहां भी साइफन को बंद कर दिया गया है. इधर कहला यादव टोला में भी साइफन बंद हो जाने से पूरा मुहल्ला जलमग्न हो गया है. जिन घरों में पानी चला गया है उनकी स्थिति सबसे खराब है और वे अपने बच्चों और सामान के साथ ऊंची जगह पर जाने को तैयार हैं. अगर पुन: बारिश हुई, तो उनका घर छोड़कर जाना तय है. मिडिल स्कूल में घुटनों तक जमा है पानी, पार करने में फिसल रहे छात्र गुरुवार की देर रात से हो रही बारिश से छात्रों को भी परेशानी हो रही है. शुक्रवार को अधिकतर छात्र भीगते हुए अपने-अपने स्कूलों में पहुंचे तो देखा कि स्कूल का प्रांगण भी घुटनों भर पानी से भरा है. छात्रों ने कक्षाओं में पढ़ाई तो की लेकिन प्रांगण में निकलने के बाद उनके फिसलने का खतरा लगातार बना रहा और कई छात्र पानी में फिसलकर गिरे भी और उनके कपड़े तथा किताबें आदि भीग गयी. चूंकि मिडिल स्कूल के प्रांगण से भी जलनिकासी की सुविधा नहीं है, इसलिए यहां भी भारी जलजमाव से छात्र एवं शिक्षक परेशान हैं.

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