गोपालगंज. जिले में किसानों से उनकी फसल को सरकार के समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए अब तक 219 क्रय केंद्रों को खोलने का दावा विभाग कर रहा है. पैक्स का चुनाव खत्म हो गया है. इसके बाद भी किसानों के धान खरीद में जोर नहीं पकड़ पा रहा. जब हकीकत की पड़ताल प्रभात खबर ने की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. सच पूछिए तो किसानों की तकदीर अभी लक्ष्य में उलझ कर रह गयी है. किसानों के सामने रबी की बोआई करने की चुनौती थी. अभी अगर धान की उचित कीमत मिल जाये, तो किसानों को काफी राहत मिलती. लेकिन उनके भाग्य में बिचौलिये राहु बन कर बैठे हैं.
धान खरीद का लक्ष्य हुआ निर्धारित
सरकार की ओर से गोपालगंज जिले में धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित हो चुका है. जिले को 71 हजार मीट्रिक टन धान खरीदना है. एक नवंबर से 50 दिनों में महज चार हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. राज्य खाद्य निगम की ओर से अभी तक मीरगंज चीनी मिल की जमीन में एक व कुचायकोट के फुलवरिया में उसना राइस मिल को एक- एक क्रय केंद्र से टैग किया गया है. जबकि पैक्स के पास 52 राइस मिल रजिस्ट्रेशन का इंतजार कर रहे हैं. अभी धान क्रय केंद्रों की टैगिंग में ही धरीदारी का पेच फंसा हुआ है. पैक्स की ओर से खरीदा गया धान भी अभी गोदाम में भरा पड़ा है. किसानों को धान बेचने के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है, जबकि बिचौलिया गांव में घूम कर किसानों के धान को 18 सौ रुपये क्विंटल खरीद रहे हैं. किसान भी अपनी गाढ़ी कमाई को बिचौलियों के हाथों बेच कर रबी की बोआई में जुटे हैं.
एसएफसी में 18 राइस मिलों ने किया रजिस्ट्रेशन
एसफसी के पास जिले की 18 राइस मिलों ने धान की कुटाई के लिए रजिस्ट्रेशन किया है. इसमें महज दो राइस मिलों से दो क्रय केंद्रों को टैग किया गया है. सरकार के निर्देश के अनुरूप धान खरीद के 75 प्रतिशत उसना चावल व 25 प्रतिशत अरवा चावल की आपूर्ति एसएफसी को होनी है. जिले में रजिस्ट्रेशन करने वाले में पांच उसना मिल व 13 अरवा राइस मिलें पैक्स के पास हैं.
685 किसानों से 4851 एमटी खरीदा धान
जिले में 228 पैक्स में से 195 क्रय केंद्रों में से 37 क्रय केंद्रों ने 685 किसानों से 4851 एमटी धान खरीदा है. अब तक एक क्रय केंद्र भी राइस मिल से टैग नहीं होने के कारण गोदाम से धान को राइस मिल को नहीं भेज पा रहे.
धान खरीद की प्रकिया को भी जरा समझिए
किसान को धान बेचने के लिए सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना है. रजिस्ट्रर्ड किसान से धान को क्रय केंद्र खरीदेंगे. क्रय केंद्र के राइस मिलों से टैग होने के साथ ही एक लॉट धान 433 क्विंटल के बादले 290 क्विंटल चावल राइस मिल एसएफसी को जमा करायेंगे. डीसीओ की मॉनीटरिंग में चावल गिरने के तीन दिनों के बाद धान को क्रय केंद्र राइस मिल को देंगे. राइस मिल चावल को तैयार कर एसएफसी को उपलब्ध करायेगा. एसएफसी सीधे क्रय केंद्रों को चावल का पैसा उपलब्ध करायेगा.
धान बेचने के लिए किसानों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन
किसानों का रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है. किसान सीएसपी केंद्र, वसुधा केंद्र, इंटरनेट पर जाकर कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करायेंगे. जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन हो गया है, उनका ही धान क्रय केंद्र पर खरीदा जायेगा.
अब धान खरीद में आयेगी तेजी : डीसीओ
डीसीओ गेन्धारी पासवान ने बताया कि अब धान खरीद में तेजी आयेगी. जिले में 195 क्रय केंद्र काम करने लगे हैं. राइस मिलों की टैगिंग का मामला फंसा है. उसके होने के साथ तेजी आ जायेगी.
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