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Gopalganj News : सदर अस्पताल में अचेत बेटे को गोद में लेकर डॉक्टर से दिखाने के लिए भटकता रहा पिता

Gopalganj News : मॉडल सदर अस्पताल से मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आयीं. अपने बीमार बेटे को गोद में लेकर पिता और परिजन के साथ अस्पताल में दर-दर को भटकने को मजबूर दिखा. इन तस्वीरों को देख लीजिए. अस्पताल प्रबंधन की संवेदना जरा भी इससे आहत नहीं हुई. वह भी तब, जब दो दिन पूर्व ही डीएम प्रशांत कुमार सीएच अस्पताल का निरीक्षण कर कड़ा निर्देश दे चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 27, 2024 10:40 PM

गोपालगंज. मॉडल सदर अस्पताल से मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आयीं. अपने बीमार बेटे को गोद में लेकर पिता और परिजन के साथ अस्पताल में दर-दर को भटकने को मजबूर दिखा. इन तस्वीरों को देख लीजिए. अस्पताल प्रबंधन की संवेदना जरा भी इससे आहत नहीं हुई. वह भी तब, जब दो दिन पूर्व ही डीएम प्रशांत कुमार सीएच अस्पताल का निरीक्षण कर कड़ा निर्देश दे चुके हैं. डीएम के उस आदेश का भी कोई परवाह शायद नहीं है. इमरजेंसी वार्ड से पीआइसीयू और पीआइसीयू से एसएनसीयू में गये. लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर नहीं मिले. बाद में नर्स ने बच्चे को इलाज कराने के लिए डॉक्टर के आवास पर भेज दिया. जहां शिशु रोग विशेषज्ञ ने बच्चे को आला लगाया और तुरंत पीआइसीयू वार्ड में भेज दिया, जहां नर्स ने इलाज शुरू किया. पूरा वाकया मीरगंज थाना क्षेत्र के जादो पिपरा गांव का है. महाजन महतो का पुत्र सुनील कुमार अपनी मां और बुआ के साथ खेत में काम कर रहा था. इसी दौरान खेत में ही वह अचानक बेहोश हो गया और मुंह से झाग निकलने लगा. घबराये हुए परिजन बच्चे को आनन-फानन में हथुआ अनुमंडल अस्पताल में लेकर गये, जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सदर अस्पताल में बच्चों को लेकर पहुंचते ही इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर ने बच्चा वाला पीआइसीयू वार्ड में रेफर कर दिया. यहां आने पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. ड्यूटी में एक नर्स थी, उसने बच्चे को एसएनसीयू भेज दिया. यहां भी कोई डॉक्टर नहीं था. सुरक्षा गार्ड ने बच्चों को इलाज के लिए डॉक्टर के आवास पर भेज दिया. इस तरह से करीब एक घंटे तक बच्चे को गोद में लेकर सदर अस्पताल में परिजन भटकते रहे. आक्रोश पर दूसरे डॉक्टर ने पहुंच कर संभाली स्थिति बाद में परिजनों के आक्रोशित होने पर सदर अस्पताल में दूसरे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सौरभ अग्रवाल पहुंचे और इलाज शुरू किया. डॉ सौरभ अग्रवाल ने कहा कि उनकी नाइट में डिप्टी थी और फिर सुबह में भी 8:00 बजे से अस्पताल प्रशासन ने ड्यूटी लगा दी है. हालांकि उन्होंने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए ऑब्जर्वेशन में रखने की बात कही है. मगर जिस तरीके से बच्चे को गोद में लेकर परिजन इधर से उधर डॉक्टर के इंतजार में भटकते रहे इससे सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है.

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