गोपालगंज. एफसीआइ से गेहूं-चावल उठाने के नाम पर पटना के कारोबारी से फर्जी कागजात देकर 95 लाख 40 हजार रुपये की फ्रॉड करने का मामला सामने आया है. मामले में नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जिसमें प्रदीप देव, उनकी पत्नी व उनकी मां और आशियाना नगर पटना के रहने वाले औरेंज इस्टेट के निदेशक प्रशुन कुमार को अभियुक्त बनाया गया हैं. पटना के पालीगंज थाने के परियो निवासी मिथिलेश कुमार ने आरोप लगाया है कि वे ओम श्रीराम रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड फार्म के निदेशक हैं. बीते 10 मार्च 2022 को प्रदीप देव से उनकी मुलाकात हुई और एफसीआइ में अच्छी पकड़ होने तथा गोपालगंज से गेहूं व चावल दिलाने का भरोसा दिया और इसके लिए 15 जुलाई 2022 से लेकर 17 मई 2023 तक अलग-अलग किस्तों में 95 लाख 40 हजार रुपये लिये. पैसा देने के बाद जब एफआइआर के नाम पर दिये कागजात की जांच करायी गयी, तो सभी दस्तावेज फर्जी निकले. बीते 14 दिसंबर को मामले को लेकर पीड़ित ने प्रदीप देव से मुलाकात की और पैसे की मांग की, तो धक्का देकर भगा दिया. नगर थाने में प्रदीप समेत चार लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी. वहीं, पुलिस इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
एफसीआइ से दूर-दूर तक मेरा संबंध नहीं, आरोप झूठा
उधर, प्रदीप देव ने बताया कि एसएफसी से दूर- दूर तक कोई संबंध नहीं है. और न ही मैंने किसी से एक रुपया लिया है. आरोप लगाने वाले औरेंज इस्टेट को पैसे का लेन- देन किये होंगे. उनसे राशि ले नहीं सकते हैं, तो मुझ पर दबाव बनाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. मैं अपने काम के प्रति पूरी वफादारी से जुटा हूं. ऐसे में मुझे बदनाम करने की साजिश है. पुलिस की जांच पर पूरा भरोसा है. पुलिस की जांच में सबकुछ साफ हो जायेगा.
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