Gopalganj News : जिले में 10.2 करोड़ के बिके पटाखे, जमकर हुई आतिशबाजी, खूब जलायीं फुलझड़ियां
Gopalganj News : ॐ दीपज्योति: परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः। दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥ यानी दीपावली पर मां लक्ष्मी आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं. गुरुवार को दीपावली की शाम को जिले की हर गली रोशन रही.
गोपालगंज. ॐ दीपज्योति: परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः। दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥ यानी दीपावली पर मां लक्ष्मी आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं. गुरुवार को दीपावली की शाम को जिले की हर गली रोशन रही. घर की देहरी से लेकर देवालय का आंगन सांझ ढलते ही दीपों से रोशन हो उठा. शहर का नजारा झिलमिलाते दीप अपनी रोशनी से अमावस की रात को मात दे रहे थे. दीपों का पर्व उत्साह और उमंग के माहौल में मनाया गया. घर-आंगन में दीप जलाये गये, तो लगा कि धरा रोशनी से जगमग हो गयी हो. रंगबिरंगी झालरों की रोशनी, तो कहीं मिट्टी के झिलमिल करते दीये. चारों ओर त्योहार की खुशियां बिखरने लगीं. कभी पटाखों की गूंज, तो कभी रंगीन रॉकेट की रोशनी अनोखी छटा बिखेर रही थी. शाम होते ही हर तरफ पटाखों की गूंज सुनाई देने लगी. कहीं अनार की झरझर करती रोशनी, तो कहीं आसमान में रंगीन रोशनी छोड़ते रॉकेट व फुलझड़ी का मैजिक दिखा. इसके अलावा चटाई और कई तरह के बम गोले के धमाकों से इलाके गूंजते रहे. मौका था आतिशबाजी का. शुक्रवार की शाम जमीन ही नहीं, आसमान भी रंग-बिरंगी पटाखे ओर फुलझड़ियों से रुक-रुककर रंगीन होती रही. दीपोत्सव पर जश्न पूरी तरह परवान पर रहा. लोगों ने जमकर आतिशबाजी की, लेकिन पिछले साल से कम रहा. इस बार 10.2 करोड़ के पटाखे बिके, जो पिछले साल की अपेक्षा 1.85 लाख रुपये कम आंके गये हैं. सभी ने अपनी-अपनी औकात के मुताबिक आतिशबाजी की, लेकिन महंगाई को भी कोसते रहे. आतिशबाजी और पटाखा फोड़ने का जोश युवाओं और बच्चों में तो रहा ही, कई बुजुर्ग भी इसमें पीछे नहीं रहे. गांव से शहर तक और सड़क से लेकर गलियों तक रुक-रुककर पटाखों की आवाज जहां गूंजती रही, वहीं फुलझड़ियों की रोशनी भी बिखरती रही और देर रात तक आतिशबाजी का दौर चलता रहा. आतिशबाजी के दौर में 10 हजार से अधिक लोगों को पांच दिनों के लिए रोजगार भी मिल गया था. गुरुवार की शाम हर गली-मुहल्ला, मकान और दुकान रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठे. दीपों की रोशनी के बीच सुखद भविष्य की उल्लास भरी कामना सभी के चेहरों पर दमकती रही. मौका था दीपों के पर्व दीपावली का. अमावस की पूरी रात दीपाें की रोशनी से जगमगाती रही. दीपावली का त्योहार जिले में हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया. लोगों ने मंगल के दाता गणेश और सुख-समृद्धि की दात्री मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर सौभाग्य, आरोग्य, सुख-शांति, समृद्धि और वैभव की कामना की. यूं तो दर्जनों पर्व-त्योहार हैं, उनमें दीपावली हर किसी के लिए खास है. समाज का हर तबका, गरीब हो या अमीर, महीनों पहले से दीपावली के स्वागत की तैयारी करते हैं. दीपावली आते-आते पूरा परिवेश साफ-सुथरा व सुंदर दिखने लगता है. सफाई-स्वच्छता के मद्देनजर इस बार की दीपावली खास थी. स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान को गति देते हुए शहर के साथ गांव-देहात के हर घरों तक लोगों ने जमकर सफाई की. छोटी-बड़ी बिल्डिंग रंगीन रोशनी से नहाती रही. ऐसा लग रहा था, हर शहर, हर गांव देवलोक बन गया हो. शहर के सभी मंदिर, देवालय तक खास तौर पर सजाये गये थे. शाम होने के साथ ही मंदिरों व घरों में पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया. घर, दुकानों में पूजा करने के लिए पंडित तक नहीं मिल रहे थे. दुकानों में देर शाम तक जबकि विधान के अनुसार लोगों ने रात्रि काल में मां लक्ष्मी के साथ गणेश व अन्य देवी-देवताओं का पूजन किया. देर रात तक पूजा का दौर चलता रहा, वहीं कई दुकान और प्रतिष्ठानों में सिंह लग्न को लेकर रात्रि 12 बजे के बाद पूजा का कार्य शुरू हुआ. अगर- धूप की सुगंध से वातावरण सुवासित हो रहा था. इस अवसर पर लोगों ने बिजली के झालर के अलावा पारंपरिक दीप भी जलाये. असंख्य दीपों की शृंखला से अद्भुत समां बंधती रही. डिजाइन वाले दीयों ने सजावट में लगाये चार चांद इस साल दीपावली पर प्रभात खबर की मुहिम भी रंग लायी. इस बार घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सजावट के लिए डिजाइन वाले दीयों का भी खूब इस्तेमाल किया गया. इन दीयों ने घरों की सजावट में चार चांद लगा दिये थे. लोगों ने दरवाजे पर खूबसूरत रंगोली बनाकर बीच में दीये सजाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया. प्रभु श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण के स्वागत में आकर्षक दीये भी देखने को मिले. लोगों ने इन दीयों की जमकर खरीदारी की थी. इसका नजारा शाम में लोगों के घरों के बाहर दिखा. लोगों ने चौड़े पात्र में जल भर कर उसमें दीपक रखे घरों में रंगोली बनाने के लिए युवतियों में उत्साह रहा. पड़ोसियों में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा दिखी. दीवाली में घर रोशन करने के लिए खूब दीये बिके. लोगों ने डिजाइन वाले दीयों के साथ मिट्टी के दीये से घरों को सजाया. शाम आठ बजे आम में के बाद कभी आकाश में धमाकों की गूंज ने सुनी जा रही थी, तो कहीं आसमान रंगीन रोशनी से नहा उठता था. लोगों ने दीये, सुबह झालरों की रोशनी के बीच फुलझड़ियों की रोशनी के साथ जमकर सेल्फी ली और आतिशबाजी के बीच वीडियो रिकॉर्डिंग भी बनायी.
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