गोपालगंज. गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र नेपाल में पिछले 72 घंटे में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के कारण नदी ने खौफनाक रूप धारण कर लिया. गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. वाल्मीकिनगर बराज से सात वर्षों के बाद रात 12 बजे डिस्चार्ज 5.62 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया. इससे गंडक नदी का जल स्तर सुबह से ही तेजी से बढ़ने लगा. पानी के बढ़ने के कारण तटबंधों पर भारी दबाव बना हुआ है. जलसंसाधन विभाग के लिए अगला 24 घंटा अग्निपरीक्षा की घड़ी है. बांध को सुरक्षित रखना विभाग की चुनौती है. यूपी बॉर्डर से अहिरौली दान से लेकर बंगरा घाट तक इंजीनियरों की टीम तटबंधों की स्थिति की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता संजय कुमार ने हाइअलर्ट करते हुए इंजीनियरों व संवेदकों व मजदूरों को मुस्तैद कर दिया है. नदी के स्थिति पर पल-पल नजर रखी जा रही है. उधर, नदी का जल स्तर अभी जिले में बढ़ रहा है. रविवार की शाम तक गंडक नदी की चपेट में निचले इलाके के 43 गांव पूरी तरह से घिर गये. आने-जाने वाली सड़कें डूब गयीं. गांव में 52 हजार से अधिक लोग गांवों में घिर गये हैं. गांवों में लोग ऊंचे स्थलों पर शरण ले रखे हैं. घरों में रखे अनाज, कपड़ा, ओढ़ना-बिछौना तक डूब गये हैं. लोगों के चूल्हा-चाकी डूबने के कारण लोग परेशान हैं. ये वे लोग हैं, जो प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी घर को छोड़कर बाहर नहीं निकले है. ग्रामीणों को भराेसा है कि गांवों में दो-तीन दिनों में पानी घट जायेगा. सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना,धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं 7, भसही, कालामटिहनियां, भगवानपुर, मांझा प्रखंड के निमुइया, माघी, मगुरहां, भैंसही, पुरैना, बरौली के पकड़ियां एवं सिधवलिया के बंजरिया बैकुंठपुर के आशा खैरा, फैजुल्लाहपुर, बंगरा समेत जिले के 43 गांव पानी से घिरे हैं. नाव ही एकमात्र सहारा बची है. गांवों के घिरने के कारण लोगों का आवागमन ठप हो गया है. जिला व प्रखंड मुख्यालयों से गांव को जोड़ने वाली सड़कों पर पानी की धारा बहने लगी है. नदी के रौद्र रूप को देख तटबंधों की 24 घंटे हो रही निगरानी नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए डीएम मो मकसूद आलम के अलावा एसपी अवधेश दीक्षित, डीडीसी कुमार निशांत, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार तटबंधों का निरीक्षण किया. वहीं तटबंधों पर इंजीनियरों की टीम मुस्तैद हो गयी है. अभियंताओं ने तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है. देर शाम मैक्सिमम पानी क्रॉस करने लगा. प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है. गंगा नदी में उफान होने से दियारे में फैल रहा पानी गंगा नदी के उफान पर होने के कारण गंडक नदी का बहाव प्रभावित हो रहा है. पानी के बहाव के रुकने के कारण सर्वाधिक परेशानी बैकुंठपुर के निचले इलाके के लोगों के सामने है. राहत इस बात है कि चंपारण में खैरटवां के पास सारण तटबंध के टूटने से पानी का दबाव भी कम होने के आसार है. इसबार पाइलट चैनल के एक्टिवेट होने के कारण नदी की धारा बीच में बह रही है. प्रशासन ने लोगों से की सचेत रहने की अपील जिला प्रशासन ने लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है. जो गांव घिरे हैं, उनके लिए जगह-जगह पर नाव की व्यवस्था की गयी है, ताकि लोगों को अवगमन में कोई असुविधा नहीं हो. एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि नेपाल में हो रही बारिश पर नजर रखी जा रही है. एहतियातन सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. नाव से लेकर राहत केंद्र तक तैयार है. अगर लोगों के घरों में पानी घुसता है, तो उनको सभी सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी. उधर, जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं ने बताया कि तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित है. एक नजर में नदी की स्थिति समय डिस्चार्ज रात – 01:00 बजे 5.62 लाख क्यूसेक सुबह 8.00 बजे 5.24 लाख क्यूसेक सुबह-12:00 बजे 4.28 लाख क्यूसेक दोपहर-2:00 बजे 3.70 लाख क्यूसेक शाम-04:00 बजे 3.32 लाख क्यूसेक शाम 05:00 बजे- 3.21 लाख क्यूसेक खतरे के निशान से नदी विशंभरपुर में 1.21 मीटर ऊपर पतहरा में 1.34 मीटर ऊपर टंडसपुर में 1.5 मीटर ऊपर
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