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Gopalganj News : जिले में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर बढ़ रही ठगी, अब तक साइबर ठगी के 125 मामले किये गये हैं दर्ज

Gopalganj News : साइबर ठग अब डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं. इस स्कैम में अपराधी पुलिस, इडी या अन्य सरकारी एजेंसियों का डर दिखाकर लोगों को झांसा दे रहे हैं.

गोपालगंज. साइबर ठग अब डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं. इस स्कैम में अपराधी पुलिस, इडी या अन्य सरकारी एजेंसियों का डर दिखाकर लोगों को झांसा दे रहे हैं. ठग पहले पीड़ित की पर्सनल जानकारी जुटा रहे हैं, फिर उन्हें कहते हैं कि उनके परिवार का कोई सदस्य किसी अपराध में फंसा है या किसी संदिग्ध वस्तु के साथ पकड़ा गया है. इसके बाद अपराधी ऑनलाइन अरेस्ट का डर दिखाकर पैसे मांगते हैं. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सुनील कुमार के अनुसार, इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए. किसी भी अनजान कॉल पर तुरंत विश्वास न करें, स्क्रीन रिकॉर्डिंग करके सबूत जुटाएं, और साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस स्कैम से बचने के लिए रुको, सोचो और एक्शन लो की सलाह दे चुके हैं. गोपालगंज में हाल के दिनों में डिजिटल अरेस्ट के लगातार मामले आ रहे हैं, जिससे हर किसी को जागरूक होना जरूरी है. गोपालगंज में डिजिटल अरेस्ट के दर्ज मामलाें की पड़ताल करती प्रभात खबर की पड़ताल करती ये रिपोर्ट. मालूम हो कि डिजिटल अरेस्ट एक ऐसी रणनीति है, जिसमें साइबर अपराधी पीड़ितों को ठगने के लिए उनके घरों तक ही सीमित रखते हैं. अपराधी अक्सर एआइ-जेनरेटेड वॉयस या वीडियो तकनीक का उपयोग करके कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर ऑडियो या वीडियो कॉल करके डर पैदा करते हैं. ऐसा मजबूर करते हैं, जिससे बात करनेवाला व्यक्ति उसकी बातों में फंस जाता है और पैसे ट्रांसफर कर ठगी का शिकार हो जाता है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में डिजिटल अरेस्ट के बारे में भी गहनता से बताया था और लोगों को सतर्क एवं जागरूक रहने की अपील की थी. फर्जी अकाउंट बनाकर वसूले दो लाखविजयीपुर थाना क्षेत्र के खुटहां गांव निवासी सुदामा यादव को साइबर ठगों ने फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये ठग लिया. ठगों ने सुदामा से उनके फूफा का फर्जी अकाउंट बनाकर मदद के नाम पर दो लाख रुपये वसूल किये. कुछ दिन पहले सुदामा के मोबाइल पर फेसबुक मैसेंजर पर एक संदेश आया, जिसमें उनके फूफा ने उन्हें सउदी में फंसे होने और पैसे भेजने की मांग की. डिजिटल अरेस्ट के बाद, व्हाट्सएप पर भी वही संदेश आया. सुदामा को विश्वास हो गया और उसने तीन किस्तों में दो लाख रुपये ठगों के खातों में भेज दिये. बाद में, जब सुदामा ने अपने फूफा से संपर्क किया, तो पता चला कि वह ठीक थे. सुदामा ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज करायी है. वहीं एक दूसरे मामले में कुचायकोट की रहनेवाली प्रियंका कुमारी दिल्ली में पढ़ाई कर रही है. साइबर अपराधियों ने फेसबुक के मैसेंजर से उसके भाई के पास कॉल किया और ड्रग्स स्मगलिंग में उसकी बहन के पकड़े जाने की सूचना दी. कॉल करनेवाले साइबर अपराधी ने खुद को इडी का ऑफिसर बताया था. छात्रा के भाई ने बताया कि उसने प्रधानमंत्री के मन की बात को सुना था, इसलिए साइबर अपराधियों के चंगुल में नहीं फंसा और उसने कॉल करनेवाले को तगड़ा जवाब दिया. बहन को कॉल मिलाया तो वह क्लास में थी. मामले की शिकायत उसने दर्ज नहीं करायी. छात्रा और उसके आसपास में रहनेवाले लोगों को जागरूक रहने के लिए साइबर अपराधियों की करतूत को बताया.

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