गोपालगंज. नेपाल में बारिश थमने व बगहा में चंपारण मुख्य तटबंध के टूटने के कारण गंडक नदी का तेजी से जल स्तर घट रहा है. नदी पिछले 24 घंटे में विशंभरपुर में 1.4 मीटर नीचे आ गयी है. इसके बाद भी जिले में खतरे के निशान से नदी टंडसपुर में 1.53 मीटर ऊपर बह रही है. हालांकि वाल्मीकिनगर बराज से मंगलवार की सुबह से 1.40 लाख क्यूसेक से नीचे बना रहा. इससे गांवों में भी पानी उतरने लगा है. पानी के घटने के साथ ही कटाव का खतरा भी गंभीर हो गया है. सदर प्रखंड के मलाहीटोला, जगीरीटोला, खाप मकसूदपुर में कटाव होने लगी. नदी खेतों को काटती हुई बह रही है. कटाव से गांव के लोगों में नाराजगी दिख रही है. उधर बाढ़ पीड़ित इलाके में तबाही का मंजर दिख रहा है. लोगों के घरों में पानी के घुसने के कारण लोगों के घरों के अनाज, कपड़ा, ओढ़ना-बिछावन डूब गया है. लोगों का चूल्हा-चाकी भी डूब गया है. लोग ऊंचे स्थल व छतों पर शरण ले रखे है. छतों पर कभी धूप कभी बारिश में लोगों की हालत बिगड़ रही है. तीसरे दिन भी जिले के कुचायकोट प्रखंड के काला मटिहनियां, दुर्ग मटिहनियां, सलेहपुर, टोला सिपाया व धूपसागर, भगवानपुर, धर्मपुर, विशंभरपुर, सदर प्रखंड के कटघरवां, विशुनपुर पूर्वी, विशनुपुर पश्चिमी, बरइपट्टी, जादोपुर दु:खहरण, रामपुर टेंगराही व जगीरी टोला. मकसूदपुर, मलाही टोला, कटघरवा, रामनगर, खाप, कमल चौधरी का टोला, बरौली प्रखंड के सोनबरसा, मोहम्मदपुर पकड़िया, देवापुर, हसनपुर, रामपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, बतरदेह व सरफरा.सिधवलिया प्रखंड के अमरपुरा,बंजरियां, डुमरिया व काशी टेंगराही. बैकुंठपुर प्रखंड के परसौनी, बासघाट मंसुरिया, उसरी, गम्हारी, फैजुल्लाहपुर, प्यारेपुर, बखरी व बंगरा समेत जिले के 58 गांवों में पानी के जमा रहने के कारण खाने-पीने का भी संकट उत्पन्न हो गया है. भूख-न्यास से लोग बिलबिला रहे है. चूड़ा व गुड़ खाकर कब तक जिंदा रहेंगे. कुचायकोट, सदर प्रखंड, मांझा में अबतक पॉलीथिन तक नहीं बांटा जा सका है. तटबंधों को बचाने के लिए मुस्तैद रहे अधिकारी नदी का पानी घटने के साथ ही तटबंधों को कटाव से बचाने की चुनौती बनी हुई है. बांध के पास कही रेनकट तो कही चूहों के बील जल संसाधन विभाग के मुश्किल को बढ़ा रहा है. मंगलवार को प्रभारी डीएम कुमार निशांत, अपरसमाहर्ता आपदा शादुल हसन, एसडीपीओ डॉ प्रदीप कुमार ने रामनगर, पतहारा, जगीरीटोला से लेकर बांसघाट मंसुरिया, बंगरा घाट तक निरीक्षण कर स्थिति का आकलन कर सरकार को रिपोर्ट देते रहे. इतना ही नहीं जहां भी कोई कमी दिखी तत्काल मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार को सूचना देकर उसे दुरुस्त कराते दिखे. तटबंधों पर टंडसपुर में इंजीनियर विक्रम , पतहरा में ऋषभ राज, विशंभरपुर में सहायक इंजीनियर एकता कुमारी की टीम मुस्तैद रही. बाढ़ की पानी से घर छोड़कर बेघर होने वाले लोगों को तत्काल प्रभाव से भोजन का इंतजाम कराते हुए प्रशासन की ओर से बैकुंठपुर, बरौली, सिधवलिया के बाद सदर प्रखंड के जगीरी टोला में मंगलवार की शाम से किचेन की शुरुआत अधिकारियों के पहुंचने के बाद शुरू हो गया. बाढ़पीड़ितों को खाने-पीने का इंतजाम प्रशासन के अधिकारी खुद करा रहे हैं.
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