भोरे. भोरे में गरीब मरीजों का खून चूस कर मालामाल हो रहे पैथोलॉजी सेंटरों पर लगाम कसने के लिए जांच अभियान चलाया गया. उधर, जांच शुरू होते ही भोरे में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में सभी अवैध पैथोलॉजी सेंटर बंद हो गये. इधर, जिला मुख्यालय से तय की गयी टीम ने चिह्नित 17 में से सिर्फ पांच पैथोलॉजी सेंटरों की जांच की. वहीं अन्य पर ताला लटका पाया गया.
जांच के नाम पर भारी-भरकम रकम वसूलने की की गयी थी शिकायत
बता दें कि भोरे निवासी ए. सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास शिकायत की थी कि भोरे जैसी छोटी जगहों पर कुकुरमुत्ते की तरह अवैध पैथोलॉजी सेंटर उगे हैं. इनके द्वारा डॉक्टरों को मोटा कमीशन देने के चक्कर में गरीबों से जांच के नाम पर भारी भरकम रकम वसूली जा रही है. ऐसे पैथोलॉजी सेंटरों के पास कोई वैध कागजात नहीं है. उनकी शिकायत पर भोरे में कुल 17 लैबों की सूची तैयार की गयी, जिसकी जांच करने का जिम्मा फुलवरिया रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शाहिद नजमी और उनकी टीम को दिया गया. फुलवरिया से भोरे पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिन सेंटरों की जांच की उनमें आकाश डिजिटल एक्स रे, शिवम जांच घर, है रवि जांच घर, ग्लोबल डायग्नोस्टिक्स और भारत पैथोलॉजी केंद्र शामिल हैं. इस संबंध में डॉ शाहिद नजमी ने बताया कि जिला मुख्यालय के आदेश के आलोक में 17 पैथोलॉजी सेंटरों की जांच करनी थी. सिर्फ पांच सेंटरों की जांच हुई. जबकि अन्य सेंटर बंद पाये गये. जिनकी जांच की गयी है, उनकी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जायेगी.
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