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Gopalganj News : साइबर फ्रॉड होने पर तत्काल दर्ज कराएं शिकायत : एसपी

Gopalganj News : इंटरनेट जैसे ही फैला, तो जुर्म करने के तरीके भी बदले. शातिर ठग अब नये-नये तरीके अपनाकर गाढ़ी कमाई में सेंध लगा रहे हैं. पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित ने बताया कि जिले के लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाव ही सटीक उपाय है. इ

गोपालगंज. इंटरनेट जैसे ही फैला, तो जुर्म करने के तरीके भी बदले. शातिर ठग अब नये-नये तरीके अपनाकर गाढ़ी कमाई में सेंध लगा रहे हैं. पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित ने बताया कि जिले के लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाव ही सटीक उपाय है. इसके लिए प्रत्येक सप्ताह में साइबर थाने की प्रभारी डीएसपी अवंतिका कुमार दिलीप लोगों को जागरूक करेंगी. लोगों को साइबर फ्रॉड के नये तरीकों से अवगत करा कर अपडेट किया जायेगा. एसपी ने बताया कि ठगी मुख्य तौर पर दो तरह की हैं- पारंपरिक और साइबर. इन दोनों तरह के मामलों में ही पुलिस को ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ती है. केस दर्ज कराने, तफ्तीश करने और आरोपितों की गिरफ्तारी में काफी वक्त लग जाता है. ऐसे में अपनी ठगी की पहचान और उसकी कंप्लेंट सही जगह करने से आप कुछ वक्त बचा सकते हैं. साइबर ठगी क्या होती है? इस तरह की ठगी में फोन या कंप्यूटर जैसे कम्युनिकेशन डिवाइसेज का इस्तेमाल हुआ हो, वह साइबर क्राइम कहलाता है. जैसे, सोशल मीडिया पर पॉर्नोग्राफी सर्कुलेट करना, किसी की आइडेंटिटी चोरी करना, आर्थिक नुकसान पहुंचाना, टेररिजम फैलाना, सिस्टम हैक करना या कॉल सेंटर के जरिये ठगी करना जैसे मामले आते हैं. फोन पर इंटरनेट समेत सभी तरह की सुविधाएं होने से साइबर ठगी के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. वहीं प्रॉपर्टी, सरकारी जमीन, खेती की जमीन, बिल्डर्स, ग्रुप हाउसिंग, सोसाइटी, सरकारी विभागों के फर्जी लेटर, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी, मैन-पावर रैकेट, इनकम टैक्स रिटर्न, सेल टैक्स, वीजा रैकेट, एक्सपोर्ट-इंपोर्ट रैकेट, चिट-फंड, एडमिशन और लोन के नाम पर ठगी जैसे मामले भी खूब आते हैं. इन मामलों में अगर ठगी तीन 16 सी में है. करोड़ रुपये से कम है और पीड़ितों की तादाद भी 20 से नीचे है, तो अपने स्थानीय थाने में शिकायत कर सकते हैं. अगर आला अफसरों को लगता है कि मामला ज्यादा गंभीर है, तो वह इसकी जांच डिपार्टमेंटल इनवेस्टिगेशन यूनिट (DIU) से भी करा सकते हैं. साइबर ठगी होने पर सबसे पहले टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें. अपनी शिकायत www. cybercrime.gov.in पर जरूर दर्ज कराएं. अगर आपसे 50 लाख से कम ठगी हुई है, तो आप साइबर थाने में जाएं. वहां कांड पंजीकृत कराएं.

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