Gopalganj News : धान के फूटने तक खेताें में कम से कम तीन से पांच सेंटीमीटर खड़ा पानी जरूरी

Gopalganj News : माॅनसून के आने के बाद पिछले दो सप्ताह से बारिश ठप है. मौसम में भी काफी गर्मी बढ़ गयी है. ऐसे में जब धान समेत अन्य खरीफ फसलों को काफी पानी की जरूरत है, इस समय खेतों में दरार पड़ने लगी हैं. किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 8:59 PM

गोपालगंज. माॅनसून के आने के बाद पिछले दो सप्ताह से बारिश ठप है. मौसम में भी काफी गर्मी बढ़ गयी है. ऐसे में जब धान समेत अन्य खरीफ फसलों को काफी पानी की जरूरत है, इस समय खेतों में दरार पड़ने लगी हैं. किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है. धान के पैदावार में कमी तो दूर अब फसल भी सूखने लगी है. ऐसे में कृषि विभाग की ओर से किसानों से खेतों की सिंचाई की अपील कर रहे हैं. विभाग की ओर से डीजल अनुदान भी दिया जा रहा है. अब कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की ओर से भी खेतों की सिंचाई के समय और पानी की की मात्रा आदि को लेकर एडवाइजरी जारी की गयी. इसमें बताया गया है. वेजीटेटिव स्टेज से लेकर फ्लावरिंग स्टेज तक खेतों की नमी का बनाये रखना जरूरी है. फसल विशेषज्ञ वैज्ञानिक श्रीप्रिया दास ने बताया कि सामान्य खेतों में अभी धान की फसल वेजिटेटिव स्टेज में है. इस स्टेज से लेकर फ्लावरिंग स्टेज तक खेतों में तीन से पांच सेंटीमीटर पानी खड़ा रहना जरूरी है. इससे कम पानी हुआ, तो धान के पैदावार पर असर पड़ेगा. पानी का जमाव नहीं हो संभव, तो हर 15 दिन पर करें सिंचाई वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि खेत यदि ऊंचाई पर है और पानी नहीं रुक पा रहा, तो किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा की फ्लावरिंग स्टेज तक हर 15 दिन पर एक बार सिंचाई हो, ताकि खेतों की नमी अनी रहे. मालूम हो कि खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए सरकार डीजल अनुदान दिया जा रहा है. इसके लिए किसान पहले अपने खेतों की सिचाई कर लें. इसके बाद डीजल की स्लिप व जमीन की रसीद के साथ ऑनलाइन आवेदन करेंगे. आवेदन के बाद एक सप्ताह में जांच होगी. इसके बाद किसानों के खाते में राशि हस्तांतरित कर दी जायेगी. एक एकड़ की सिंचाई के लिए 750 रुपये निर्धारित है. अधिकतम आठ एकड़ की सिंचाई के लिए छह हजार रुपये खाते में आयेंगे. इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र की फसल उत्पादन वैज्ञानिक श्रीप्रिया दास ने बताया कि धान के वेजीटेटिव स्टेज से लेकर फ्लावरिंग स्टेज तक खेतों की नमी का बनाये रखना जरूरी है. इसके लिए खेतों में तीन से पांच सेंटीमीटर पानी खड़ा रहना चाहिए या 15 दिन पर एक बार सिंचाई करनी होगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version