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Gopalganj News : बेलबनवां मंदिर पर नहीं पहुंचे सीओ, पुजारी से छीनी चाबी, महंत बृज मोहन दास का कब्जा

Gopalganj News : ऐतिहासिक बेलबनवां मंदिर पर कब्जा जमाने को लेकर उपजे टकराव का समाधान कराने के लिए सोमवार को मंदिर में सीओ को आना था. दोनों पक्षों से कागजात भी मांगे गये थे. सुबह 10 बजे से दोनों पक्ष के लोग पहुंचे. दोपहर 12 बजे तक सीओ नहीं पहुंचे. उसके बाद महंत बृजमोहन दास की तरफ से अयोध्या के लोग पहुंचे. मंदिर के पुजारी से जबरन चाबी को छीन लिया.

कुचायकोट. ऐतिहासिक बेलबनवां मंदिर पर कब्जा जमाने को लेकर उपजे टकराव का समाधान कराने के लिए सोमवार को मंदिर में सीओ को आना था. दोनों पक्षों से कागजात भी मांगे गये थे. सुबह 10 बजे से दोनों पक्ष के लोग पहुंचे. दोपहर 12 बजे तक सीओ नहीं पहुंचे. उसके बाद महंत बृजमोहन दास की तरफ से अयोध्या के लोग पहुंचे. मंदिर के पुजारी से जबरन चाबी को छीन लिया. पुजारी पर भी आरोप लगाने लगे. उसके बाद उनके समर्थकों की ओर से नारेबाजी की जाने लगी. इसकी सूचना पर डायल 112 पहुंची. बाद में थानेदार आलोक कुमार भी पहुंचे. पुलिस संत बृज मोहन दास के साथ बैठे लोगों से पूछ कर लोगों की सहमति से मंदिर की चाबी लेने की बात सुनकर लौट गयी. मंदिर में पुजारी के साथ धक्का-मुक्की का वीडियो भी अब वायरल हो रहा है. वीडियो में नारेबाजी भी हो रही है. एक प्राइवेट गार्ड बृजमोहन दास के साथ दिख रहा. वहीं एक बाहर का व्यक्ति चाबी छीनता हुआ नजर आ रहा. संत बृज मोहन दास की ओर से पिछले 19 नवंबर से ही मंदिर पर खुद के महंत होने का दावा किया जा रहा था.

धार्मिक न्यास परिषद ने जय प्रकाश दास को दी है जिम्मेदारी

वहीं जय प्रकाश दास के पक्ष में आये लोगों ने बताया कि धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन की ओर से पारित आदेश की सूचना पत्रांक 3891 दिनांक 29 नवंबर 2023 से आदेश दिया कि वर्ष 2010 में जो न्यास समिति का गठन किया गया था, उसमें से पांच व्यक्तियों का स्वर्गवास हो चुका है. मंदिर कुल 35 बीघा में है, मठ की संपत्ति को लेकर चार मुकदमे विचाराधीन हैं. ऐसी परिस्थिति में पर्षद का आदेश दिनांक-19 दिसंबर 2022 के आलोक में जयप्रकाश दास को अस्थायी न्यासधारी की मान्यता बिहार हिंदू धार्मिक न्यास अधिनियम 1950 की धारा 33 के अंतर्गत एक वर्ष के लिए करते हुए सभी मुकदमों में इन्हें पक्षकार बनने के लिए तथा पैरवी आदि करने के लिए अधिकृत किया है. वहीं मंदिर के निर्माणकर्ता ब्रह्मलीन रामाश्रय दास उर्फ नागा बाबा के द्वारा अपने शिष्य जयप्रकाश दास को मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. बजाप्ता 9 अगस्त 2006 को मंदिर के परिसर में मुखिया रहे शिवनाथ प्रसाद, सामाजिक कार्यकर्ता बच्चा साह, सरपंच रबेया खातून समेत कई प्रभुत्व लोगों के बीच पंचनामा व सह मजहर नामा लिख दिया था.

एसडीओ ने कहा, उचित निर्णय लेगा प्रशासन

अनुमंडल पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार से संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि इस पूरे प्रकरण में प्रशासन की नजर है. प्रशासन उचित निर्णय लेगा.

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