गोपालगंज. गोपालगंज में एडीजे-11 सह विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी राकेश कुमार-3 के कोर्ट ने हत्या और एससी/एसटी एक्ट के एक मामले में एकमात्र आरोपित हेमंत कुमार पटेल को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. यदि आरोपित अर्थदंड का भुगतान नहीं करता है, तो उसे एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास काटना होगा. सजा प्राप्त करने वाला आरोपित कटेया थाने बड़का अमेया गांव का हेमंत कुमार पटेल है. दो साल पुराना है मामला यह मामला दो साल पुराना है. हेमंत कुमार पटेल और पंकज रजक, जो महम्मदपुर थाने के वसंत छपरा गांव के निवासी हैं, ओडीशा में एक साथ रहते थे. 12 अक्टूबर 2022 को दोनों ट्रक से अपने सामान के साथ पंकज के घर लौटे. हेमंत ने बाद में पंकज को घर से बुलाकर बाहर ले जाकर उसकी हत्या कर दी. हत्या का कारण बताया जा रहा है कि हेमंत ने पंकज से दो लाख रुपये हड़पने की योजना बनायी थी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष अभियोजक परवेज हसन ने सबूत पेश किये, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुमार पाठक ने अपने मुवक्किल की बेगुनाही का दावा किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को ध्यान से सुना और सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया. वहीं मृत पंकज रजक की मां रामावती देवी ने हेमंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने न्याय की प्राप्ति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह सजा न केवल उनके बेटे की याद में है, बल्कि समाज में न्याय का एक प्रतीक भी है.
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