उचकागांव. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलितों तथा महिलाओं के उत्थान के लिए बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया था. बिहार में शराबबंदी के बाद हजारों दलितों के घरों में सुख-शांति, समृद्धि और शिक्षा की लौ जल रही है. ये बातें बिहार सरकार के मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सदा ने सबेया एयरपोर्ट के समीप दलित बस्ती में नशा मुक्ति कार्यक्रम के दौरान लोगों को जागरूक करते हुए कहीं. कार्यक्रम का आयोजन मद्य निषेध विभाग के द्वारा किया गया था. उद्घाटन मद्य निषेध उत्पाद तथा निबंध मंत्री रत्नेश सदा, पूर्व समाज कल्याण मंत्री राम सेवक सिंह, उत्पाद अधीक्षक अमृतेश झा तथा अन्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया. मद्य निषेध मंत्री ने कहा कि जब बिहार में शराब बिकती थी तब दलितों के घर में रात में घरेलू हिंसा शुरू हो जाती थी. दलित महिलाओं की रातें सिसकियों में बीत जाती थीं. लेकिन आज बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद हर घर में बच्चे महिलाएं तथा युवा शिक्षित हो रहे हैं. मंत्री ने की नशे से दूर रहने की अपील : मंत्री ने अपील की कि राज्य सरकार की शराबबंदी कानून के पालन को लेकर समाज के लोग आगे आएं. उन्होंने खासकर युवाओं से अपील की कि शराब के साथ-साथ किसी भी नशा से दूरी बनाएं . जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में महिलाओं के कहने पर मुख्यमंत्री ने प्रति वर्ष आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान को सहते हुए महिलाओं के उत्थान के लिए बिहार में शराबबंदी कानून लागू की थी. बिहार में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद दलितों तथा गरीब तबके के घरों में लोग भरपेट भोजन करके चैन की नींद सो रहे हैं. नुक्कड़ नाटक कर लोगों को किया जागरूक कार्यक्रम के दौरान नुक्कड़ मंडली के द्वारा शराब से नुकसान तथा इससे होने वाली घरेलू हिंसा पर भी नुक्कड़ नाटक पेश कर लाेगों को जागरूक किया. मौके पर फुलवरिया प्रखंड अध्यक्ष लालबाबू राम, वीरेंद्र चौरसिया, कामाख्या नारायण भगत, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष जगदंबा राम, राज कुमार राम, मोहन सिंह, बिंदा सिंह, लालजी कुशवाहा सहित कई लोग मौजूद थे.
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