Gopalganj News : ठेकेदार शंभू मिश्र की हत्या के मामले में मन्नू तिवारी दोषी करार, 18 को सुनायी जायेगी सजा
Gopalganj News : जिला एवं सत्र न्यायाधीश-16 शेफाली नारायण के कोर्ट ने ठेकेदार शंभू मिश्र की हत्या में हथुआ थाने के नयागांव तुलसिया के मन्नू तिवारी को दोषी करार दिया है.
गोपालगंज. जिला एवं सत्र न्यायाधीश-16 शेफाली नारायण के कोर्ट ने ठेकेदार शंभू मिश्र की हत्या में हथुआ थाने के नयागांव तुलसिया के मन्नू तिवारी को दोषी करार दिया है. सजा के बिंदू पर 18 फरवरी को सुनवाई होगी. वहीं कोर्ट ने पांच आरोपितों नयागांव तुलसिया के नागेंद्र यादव, सीवान जिले के हुसैनगंज थाने के सरेया बिक्री घाट के सोनू यादव, हथुआ थाने के चैनपुर गांव के उमेश शाही तथा भोरे थाने के कोरेया गांव के मुकुल राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.
पांच साल पहले बरवा मठ के पास गोली मार की गयी थी हत्या
अभियोजन पक्ष से एपीपी प्रेम वर्मा तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता विनय कुमार मिश्र, रामनाथ साहू तथा अभिषेक राय की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अन्य आरोपितों को बरी करते हुए मन्नू तिवारी को दोषी करार दिया. 9 मई 2020 को कटेया थाने के बभनी गांव निवासी ठेकेदार शंभू मिश्र की उचकागांव थाने के बरवा मठ के पास स्थित किसान भवन पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. मामले को लेकर नयागांव तुलसिया गांव के अतुल उपाध्याय ने उचकागांव थाने में मन्नू तिवारी, नागेंद्र यादव, सोनू यादव, उमेश शाही तथा मुकुल राय तथा जादोपुर थाने के विशुनपुर गांव के अजीत राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. कुछ दिन तक चली पुलिस जांच के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जांच का जिम्मा सीआइडी को सौंप दिया था. सीआइडी ने जांच के बाद मन्नू तिवारी तथा सोनू यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर करते हुए शेष आरोपितों का नाम अनुप्रेषित कर दिया था.
सीजेएम और एडीजे ने सभी आरोपितों के खिलाफ ले लिया था संज्ञान
सीआइडी द्वारा अन्य आरोपितों का नाम अनुप्रेषित करते हुए मात्र दो आरोपितों के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन सीजेएम चंद्रमणि कुमार के कोर्ट ने प्राथमिकी के सभी आरोपितों के खिलाफ संज्ञान ले लिया था. बाद में आरोपितों द्वारा दाखिल रिवीजन पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन एडीजे पांच विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट ने सभी नामजद आरोपितों के खिलाफ सीजेएम द्वारा लिये गये संज्ञान को सही ठहराते हुए अन्य आरोपितों की तरफ से दायर रिवीजन को सेट एसाइड कर दिया था. इसके बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.
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