gopalganj news : जांच शुरू होते ही गायब हो गयीं मनरेगा योजना की फाइलें

gopalganj news : शिक्षा मंत्री सुनील कुमार द्वारा मनरेगा में हुए फर्जीवाड़ा में जांच के आदेश दिये जाने के बाद योजना की फाइल ही गायब हो गयी. हैरत की बात यह है कि मंत्री के आदेश के छह दिन के बाद रोजगार सेवक थाने पहुंचते हैं और उस योजना सहित कुल 15 फाइल गायब होने की लिखित तहरीर देते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2024 9:48 PM

भोरे (गोपालगंज). शिक्षा मंत्री सुनील कुमार द्वारा मनरेगा में हुए फर्जीवाड़ा में जांच के आदेश दिये जाने के बाद योजना की फाइल ही गायब हो गयी. हैरत की बात यह है कि मंत्री के आदेश के छह दिन के बाद रोजगार सेवक थाने पहुंचते हैं और उस योजना सहित कुल 15 फाइल गायब होने की लिखित तहरीर देते हैं. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार 22 अगस्त को भोरे प्रखंड क्षेत्र में थे. इस दौरान बगहवां मिश्र पंचायत के सबेया गांव निवासी फागू खटिक और सर्वजीत खटीक ने आवेदन दिया था, जिसमें उनके द्वारा कहा गया था कि योजना संख्या 0511003016/डीपी/सी015/223850 के तहत ग्राम सबेया ईंट भट्ठा से लाला छापर जाने वाली सड़क पर पौधारोपण का कार्य किया गया था, जिसमें सबेया के फागु खटीक और सरबजीत खटीक काम कर रहे थे. 14 माह काम करने के बाद इन्हें सिर्फ तीन महीने की मजदूरी दी गयी थी. शेष मजदूरी के लिए इन्होंने आरोप लगाया था कि रोजगार सेवक सिकंदर शर्मा द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है. इसके बाद मंत्री सुनील कुमार को आवेदन देकर मामले में न्याय की गुहार लगायी. शिक्षामंत्री के आप्त सचिव ने डीडीसी को दिया जांच का आदेश : शिकायत मिलने के बाद मंत्री के आप्त सचिव इश्तेयाक अहमद द्वारा पांच सितंबर को गोपालगंज के डीडीसी को इस पूरे मामले की जांच के लिए निदेशित किया गया. जैसे ही इसकी भनक भोरे स्थित मनरेगा कार्यालय को लगी, आनन-फानन में 11 सितंबर को रोजगार सेवक सिकंदर शर्मा द्वारा थाने में एक आवेदन दिया गया, जिसमें उक्त योजना सहित कुल 15 फाइलें गायब होने की बात कही गयी. संदेह के घेरे में रोजगार सेवक की भूमिका : बगहवां मिश्र पंचायत के रोजगार सेवक सिकंदर शर्मा भी संदेह के घेरे में है. सिकंदर शर्मा ने स्थानीय थाने में जो आवेदन दिया है उसमें कहा गया है कि 15 जुलाई को उनके द्वारा मनरेगा कार्यालय के लेखपाल को यह सूचना दी गयी थी कि उक्त योजना सहित कुल 15 योजनाओं की फाइल मनरेगा कार्यालय से चोरी हो गयी है. लेकिन उन्होंने थाने में कोई जानकारी नहीं दी. ऐसे में सवाल यह है कि जब पांच सितंबर को मंत्री सुनील कुमार के आप्त सचिव ने डीडीसी को निदेशित किया, तो फिर दो माह बाद आखिर थाने को इसकी सूचना क्यों देनी पड़ी. अब उन 15 योजनाओं की जांच की मांग करते हुए समाजसेवी आनंद कुमार पांडेय ने मनरेगा आयुक्त को एक पत्र लिखा है. रोजगार सेवक की हो रही जांच : मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी राजीव रंजन ने बताया कि पौधारोपण मामले का भौतिक सत्यापन किया गया है, जिससे पता चला है कि 180 पौधे मौके पर मौजूद हैं. इसका मतलब है कि वन पोषकों ने काम किया है. जहां तक अभिलेख गायब होने की बात है, तो इसकी सूचना नहीं दी गयी है. यदि ऐसा हुआ है, तो रोजगार सेवक पर कार्रवाई होगी.

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