बरौली. किडनी खराब होने के बाद मौत से जूझ रहे युवक को अपनों ने लाचारी में छोड़ दिया. युवक मौत से जूझने लगा. रिश्तेदार व सगे-संबंधियों ने भी मुंह मोड़ लिया. चारों ओर कोशिश व हाथ जोड़ने के बाद भी किसी ने सहयोग नहीं किया. नजदीकी रिश्तेदारों ने भी किडनी डाेनेट करने से मना कर दिया. थक-हार कर अनीश ने अपनी जिंदगी की आस छोड़ दी तथा खुद को भगवान भरोसे छोड़ दिया. ऐसे माहौल में प्रखंड के कलकलहां गांव की महिला सावित्री देवी ने सभी रिश्तों से ऊपर उठकर मानवता और रिश्ते के लिए अपनी एक किडनी दान कर अपने दामाद की जिंदगी बचा ली. आज सावित्री सबके लिये एक नजीर-सी बन गयी है. सावित्री देवी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रात्रि प्रहरी में काम करने वाले विजय सिंह की पत्नी है. अनीश ने अपनी जिंदगी की छोड़ दी थी आस बरौली के कलकलहा गांव के विजय सिंह ने अपनी बेटी की शादी सीवान जिले के बड़हिरया थाने के लक्ष्मीपुर गांव में आनंद बिहारी सिंह के बेटे अनीश कुमार सिंह से की है, जो गुजरात के सूरत में मजदूरी करता है. उसे आठ और 10 वर्ष के दो बच्चे हैं. सूरत में ही अचानक अनीश की तबीयत खराब हुई. जांच हुई, तो डॉक्टरों ने बताया कि उनकी दोनों किडनी बेकार हो चुकी हैं. जिंदा रहना है, तो लगातार डायलिसिस कराना होगा या किडनी ट्रांस्प्लांटेशन करना होगा. दोनों स्थितिया अनीश पर भारी थीं, डायलिसिस के लिए रुपये नहीं थे, किडनी की व्यवस्था कहां से हो ये भी एक गंभीर समस्या थी क्योंकि लाख कहने के बाद भी कोई किडनी देने को कोई आगे नहीं आ रहा था. तब उम्मीद की किरण बनकर उसके जीवन में उसकी सास कलकलहां की सावित्री देवी तक बात पहुंची, तो उसने भी अपने कई लोगों से एक किडनी अनीश को देकर उसकी जान बचा लेने के लिए हाथ-पैर जोड़े लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ. अंतत: अपने पति विजय सिंह से मशविरा के बाद सावित्री देवी अपनी एक किडनी देने के इरादे के साथ सूरत पहुंच गयी, जहां छह सितंबर को किरण अस्पताल में उसने अपनी एक किडनी अनीश को देकर उसकी जान बचा ली. वहीं सावित्री देवी के इस अंगदान की चर्चा पूरे प्रखंड में हो रही है और हर कोई उसके हौसले और रिश्तेदारी निभाने के जज्बे को सलाम कर रहा है. पति विजय सिंह ने कहा कि उनके हौसले पर पूरे परिवार को गर्व है. शिक्षक विनोद सिंह ने बताया कि समय तेजी से बदल रहा है, रिश्तों में कमी और खटास हर रिश्ते को खोखला कर रही है, ऐसे में एक महिला द्वारा उठाया गया यह कदम काबिल-ए-तारीफ है.
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