Gopalganj News : मां सिंहासनी को नारियल, चुनरी चढ़ा कर मांगी सुख-समृद्धि, जयघोष से गूंज रहा मंदिर परिसर
Gopalganj News : बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक थावे में मां सिंहासनी के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ मंगला आरती के साथ ही उमड़ पड़ी. भक्तों का हर कदम मां के गर्भगृह की ओर बढ़ता जा रहा था.
थावे. बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक थावे में मां सिंहासनी के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ मंगला आरती के साथ ही उमड़ पड़ी. भक्तों का हर कदम मां के गर्भगृह की ओर बढ़ता जा रहा था. मां के जयघोष से पूरा इलाका गूंज रहा है. रविवार को नेपाल, यूपी, बिहार के विभिन्न जिलों से आये लगभग 60 हजार की संख्या में भक्तों ने दर्शन किये. मां को नारियल व चुनरी चढ़ाकर मंगल कामना की. मां को नारियल, चुनरी, शहद, पेड़ा अति प्रिय है. इसलिए उनके दरबार में भक्तों ने अढ़उल का फूल चढ़ाकर मां के चरणों में निवेदन किया. मां के सामने शीश नवा कर सुख, समृद्धि, आरोग्यता की कामना की. महिलाओं की सर्वाधिक भीड़ हो रही. नवरात्र व्रत रखने वालों की भी कम भीड़ नहीं है. थावे में परंपरा के अनुरूप मां की मंगला आरती के बाद दर्शन के लिए पट सुबह 4:30 बजे खोला जा रहा है. उसके बाद संध्या आरती व शृंगार के लिए मंदिर एक घंटा बंद रह रहा है. उसके बाद शयन आरती तक दर्शन जारी रहता है. मंदिर में आने वाले भक्तों को दर्शन में कोई कठिनाई ना हो, इसके लिए गर्भगृह का गेट खोल दिया गया है, जिससे बाहर कतार में बहुत लेट नहीं हो पा रहा. थावे आने वाले हर भक्त को मां के दर्शन आसानी से हो रहे हैं. वेद मंत्रों से गूंज रहा मंदिर परिसर नवरात्र में मां सिंहासनी के दरबार में आचार्यों, पुरोहित, तंत्र साधकों के मंत्र उच्चारण से पूरा परिसर गूंज रहा है. वेद मंत्र मां के चरणों में समर्पित कर उनको प्रसन्न करने के लिए साधक लगे रहे. दुर्गा सप्शती, चंडी पाठ के मंत्र तन-मन को आह्लादित कर रहा है. दूर-दूर से आने वाले भक्तों का चेहरे पर दर्शन के बाद अद्भुत चमक दिख रही है. शारदीय नवरात्र में थावे में मां सिंहासनी को महाभोग का प्रसाद गुरुवार को चढ़ाया जायेगा, जबकि महानिशा पूजा शुक्रवार को होगी. थावे दुर्गामंदिर के प्रधान पुजारी संजय पांडेय ने बताया कि इस बार 10 अक्तूबर गुरुवार को सप्तमी तिथि को महाभोग, 11 अक्तूबर शुक्रवार को अष्टमी व नवमी संयुक्त तिथि को महानिशा पूजा उसके साथ ही हवन शुरू हो जायेगा. 12 अक्तूबर पारण भी शनिवार को ही होगा. वहीं ज्योतिषाचार्य पं सुमित भारद्वाज ने बताया कि मां स्कंदमाता. नवरात्रि के पांचवें दिन स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें और फिर देवी को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें. पूजा में ऊं स्कंदमात्रै नम: का जाप करते रहें. मां स्कंदमाता को केले का भोग अति प्रिय है. खीर में केसर डालकर भी नेवैद्य लगाया जा सकता है. देवी को नारियल और चुनरी को देवी स्कंदमाता का ध्यान करते हुए माता के चरणों में चढ़ाएं. मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें और आरती के बाद पांच कन्याओं को केले का प्रसाद बांटें. इससे देवी स्कंदमाता बहुत प्रसन्न होती हैं और संतान पर आनेवाले सभी संकटों का नाश करती हैं. संतान हर कठिनाई को आसानी से पार करने में सक्षम बनती है.
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