थावे. बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे में नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की आराधना के साथ लाखों भक्तों की भीड़ मां सिंहासनी के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी. मंगला आरती के पहले ही मां की मनोहारी छवि के दर्शन के लिए कतार लगी, तो देर रात तक लगी रही. लगभग एक लाख भक्तों ने दर्शन किये. दर्शन के लिए रात के तीन बजे से ही लोग कतार में लग गये. ज्यों-ज्यों सुबह हो रही थी, भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी. सभी निकास और प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिस भीड़ के आगे परेशान नजर आ रही थी. भीड़ को देखते हुए थानाध्यक्ष धीरज कुमार राम के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. भीड़ नियंत्रित करने के लिए दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी भी सक्रिय होकर भीड़ हटाते नजर आये. पुलिस कर्मी भीड़ को नियंत्रण करने में लगी हुई थी. लेकिन लगातार भीड़ बढ़ने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पूरा परिसर मां के जयकारे से गूंज उठा था. सूर्यदेव भी भक्तों के कदम को रोक नहीं पा रहे थे. मां के दर्शन करने के लिए महिला और पुरुष की लंबी कतार लगी हुई थी. सभी लोग अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. समाचार लिखे जाने तक मां के दर्शन के लिए कतार लगी हुई थी. थावे आने वाले भक्त ने मां को नारियल व चुनरी चढ़ाते हैं. अब तक चार लाख नारियल बिक चुके हैं. पिछले पांच वर्षों में इस बार भक्तों की भीड़ काफी उत्साहजनक रही है. थावे में मां को चढ़ाने वाले भक्तों में नारियल चढ़ाने की परंपरा रही है. मंदिर में उसी प्रकार जमकर पिड़िकिया की बिक्री हो रही है. देशी घी के पिड़िकिया की नेपाल से लेकर यूपी तक काफी डिमांड रही है. वहीं थावे मंदिर की सुरक्षा का इंतजाम किया गया था. मंदिर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात रहा. मंदिर में आने वाले भक्तों को भी जांच से गुजरना पड़ रहा था. मंदिर में आने वाले भक्तों को कष्ट नहीं हो, इसके लिए सीओ रजत वर्णवाल, थानाध्यक्ष धीरज कुमार खुद कमान संभाले हुए थे. सीसीटीवी से भी लोगों पर नजर रखी जा रही थी. एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार खुद पहुंचकर स्थिति का आकलन किये. वहीं एसपी अवधेश दीक्षित की ओर से सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया गया है. प्रतिदिन खुद सुरक्षा का मॉनीटरिंग कर रहे हैं. आज मां कात्यायनी को चढ़ाएं शहद, होंगी रुकी शादियां नवरात्र की षष्ठी तिथि के दिन कात्यायनी देवी की पूजा में शहद यानी मधु का काफी महत्व बताया गया है. ज्योतिषाचार्य पं राजेश्वरी मिश्र ने बताया कि इस दिन माता के प्रसाद में मधु का प्रयोग करना चाहिए. पान में शहद मिलाकर माता को भेंट करना उत्तम फलदायी होता है. माता को मालपुआ का भोग भी अत्यंत प्रिय है. मां कात्यायनी की पूजा से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है. इसके साथ ही मां के इस रूप की अगर पूरे मन और श्रद्धा से पूजा की जाये, तो विवाह में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं और सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. गंगाजल, कलावा, नारियल, कलश, चावल, रोली, चुन्नी, अगरबत्ती, शहद, धूप, दीप और घी का प्रयोग करें.
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