गोपालगंज. देशभर में प्रतिबंधित महादेव एप से ऑनलाइन ठगी करनेवाले साइबर अपराधियों के ठिकाने पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. एसपी अवधेश दीक्षित द्वारा गठित पुलिस टीम ने कुचायकोट में छापेमारी कर चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये साइबर अपराधियों द्वारा ओवरब्रिज के नीचे एक मकान में साइबर फ्रॉड का सेंटर चलाया जा रहा था. पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, टैब, मोबाइल, पासबुक, विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, बाइक और भारी संख्या में मोबाइल फोन बरामद किया है. गिरफ्तार अपराधियों में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के शाहिद हुसैन, भोरे थाना क्षेत्र के कुवाड़ी डीह गांव के नंदकिशोर कुमार, हुस्सेपुर गांव के विकास कुमार और लुहसी गांव के लखन कुमार शामिल हैं. छापेमारी में कुचायकोट थानाध्यक्ष सुनिल कुमार के अलावा उनकी टीम शामिल थी. एसपी ने बताया कि ये गिरोह प्रतिबंधित महादेव एप के जरिये लोगों से ठगी करते थे. साइबर फ्रॉड करने के लिए छत्तीसगढ़ में जाकर बजाप्ते ट्रेनिंग भी ली थी. एसपी ने कहा कि साइबर अपराधियों पर पुलिस का अभियान लगातार जारी रखा जायेगा. एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि महादेव गेमिंग एप पर भारत सरकार ने बैन लगा रखा है. यह प्रतिबंधित एप की सूची में शामिल है. मास्टरमाइंड दुबई में बैठकर साइबर क्राइम के जरिये करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी करता है. इसके अलावा इस एप से नेपाल व थाइलैंड में बैठे अन्य आरोपित भी लोगों से ठगी कर रहे हैं. इस गेम में मिले अन्य बैंक अकाउंट के बारे में पता पुलिस लगा रही है. इस गेम का नेटवर्क नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका समेत कई देशों में फैला होने की सूचना है. एसपी ने कहा कि गिरोह के अन्य आरोपितों को जल्द पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा. पुलिस ने साइबर अपराधियों के पास से एक देसी कट्टा, दो कारतूस, 23 मोबाइल, एक जियो फाइबर सेट, दो लैपटॉप, एक टैब, एक पासबुक, एक एटीएम कार्ड, दो बाइक बरामद किया गया है.
महादेव एप से ऐसे देते थे झांसा
गोपालगंज पुलिस ने साइबर अपराधियों से पूछताछ की, तो बड़ा खुलासा हुआ. गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने पुलिस को बताया कि वे एप के जरिये कैसे ऑनलाइन ठगी करते हैं. महादेव ऐप के माध्यम से ये आरोपित लोगों को अपने झांसे में लेकर लाखों रुपये की ठगी करते थे. इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से संपर्क बनाकर गेम खेल कर पैसे कमाने का झांसा देते थे. मुख्य सरगना दुबई में बैठकर एप को ऑपरेट करता है. पुलिस के अनुसार इस गेम की शुरुआत 500 रुपये से शुरू होती है. कस्टमर को हारे हुए गेम को जीता हुआ दिखा कर उनका पैसा अधिक करके भेज दिया जाता था. इसकी वजह से लोग इनके झांसे में आने लगे और लाखों रुपये गेम में लगाने लगे. अगर अमाउंट एक लाख रुपये से अधिक गेम में हो जाता था तो ये लोग खेल रहे कस्टमर अकाउंट को ब्लॉक कर पैसों का ट्रांजेक्शन कर लिया करते थे. गोपालगंज के अलावा बिहार-यूपी में इनका नेटवर्क मजबूत था और अब तक सैकड़ों लोगों को चूना लगाकर ठगी का शिकार बना चुके हैं.
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