गोपालगंज. गोपालगंज में फुलगुनी पंचायत के चर्चित मुखिया मोहम्मद कुरैश की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद चर्चा में आये सीवान के बड़हरिया का कुख्यात शूटर सद्दाम ने मंगलवार को पुलिस दबिश के कारण आत्मसमर्पण कर दिया. सीवान की कोर्ट में इनामी अपराधी ने सरेंडर किया है. बिहार पुलिस ने इसपर दो लाख रुपये का इनाम रखा था.
छापेमारी कर बढ़ायी थी दबिश
बिहार एसटीएफ के अलावा गोपालगंज की एसआइटी और पुलिस टीम महीनों से इसकी तलाश कर रही थी. वहीं, गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित द्वारा गठित एसआइटी और एसटीएफ ने सद्दाम की गिरफ्तारी के लिए सीवान के अलावा यूपी और दिल्ली के ठिकानों पर छापेमारी कर दबिश बढ़ानी शुरू कर दी थी. सद्दाम के पास एकमात्र सरेंडर करने का विकल्प बचा हुआ था, क्योंकि पुलिस उसके घर की कुर्की की कार्रवाई तक कर चुकी है. पुलिस की लगातार छापेमारी और दबिश की वजह से उसने सरेंडर कर दिया. वहीं, कुख्यात को संरक्षण और शरण देनेवाले लोगों को भी पुलिस ने चिह्नित कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
हुलिया बदलने में माहिर, बदलता रहा लोकेशन
कुख्यात सद्दाम को गिरफ्तार करने में गोपालगंज और सीवान जिला की पुलिस टीम कई बार चूक गयी. सद्दाम खुद का हुलिया बदलने में माहिर है. लंबे बाल, तो कभी दाढ़ी बढ़ाकर निकलता है. एक जगह से दूसरी जगह पर लोकेशन 24 घंटे में बदल लेता है. मोबाइल भी साधारण रखता है. यही वजह है कि हर बार छापेमारी में पुलिस टीम को चकमा देकर फरार हो जाता रहा.
जिले में कई आपराधिक केस में रहा वांछित
कुख्यात सद्दाम पर गोपालगंज में मुखिया की हत्या के अलावा बड़हरिया में भी कई अपराध के मामले दर्ज हैं. बड़हरिया में हुए लगभग दर्जनभर रंगदारी मांगने के मामले तथा लगभग आधा दर्जन गोली कांड के मामले में कुख्यात सद्दाम बड़हरिया पुलिस की डायरी में भी वांछित चल रहा था. बड़हरिया में मोहन गुप्ता पर गोली कांड के साथ ही धर्मनाथ सिंह के प्रतिष्ठान पर गोली कांड सहित कई मामलों में सद्दाम वांछित था.
नौ फरवरी को गोली मारकर हुई थी मुखिया की हत्या
मोहम्मद कुरैश फुलगुनी पंचायत के मुखिया थे. बीते साल 2024 में नौ फरवरी को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में बसपा नेता रहे नेयाज अहमद को जेल भेजा है. थावे थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के पास हुई मुखिया की दिनदहाड़े हत्या में सीवान के बड़हरिया का रहनेवाले शूटर सद्दाम का नाम आया था. कुख्यात शूटर सद्दाम की रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के बाद पुलिस कई अपराधिक कांडों का खुलासा कर सकती है.
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