गोपालगंज. गंडक नदी का मिजाज कटाव के लिए बेहद खतरनाक है. नदी बरसात में कब तबाही मचा दे, कहना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में जलसंसाधन विभाग से बगैर एनओसी लिये ही नदी में बने पर्क्यूपाइन स्क्रीन के सिल्ट को काटा जा रहा है. जेसीबी लगाकर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रॉली बालू व मिट्टी को काटा जा रहा है. यह मिट्टी व बालू पाइलट चैनल से डिपाॅजिट बालू है, जिसे काटने से बाढ़ के दिनों में नदी में पानी का दबाव बढ़ने के साथ ही तटबंध पर दबाव बनाने, टूटने का खतरा से इनकार नहीं किया जा सकता है.
बाढ़ की तबाही से जूझ सकते हैं लोग
बाढ़ की तबाही से जिले को जूझना पड़ सकता है. यूपी के अहिरौली दान से काला मटिहनिया वार्ड नंबर तीन तक गंडक नदी में बांध से 100 मीटर की दूरी पर धारा तोड़ने और नदी के वेग को कम करने के लिए बनाये गये चैनल से डिपाॅजिट बालू को कटवाने पर जलसंसाधन विभाग की ओर से आपत्ति जतायी गयी. विशंभरपुर में तैनात सहायक अभियंता एकता गुप्ता के द्वारा वरीय अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया. तत्काल कार्यपालक अभियंता पवन कुमार ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को देखा. उसके बाद डीएम व जिला खनिज पदाधिकारी को पत्र देकर तत्काल प्रभाव से खनन पर राेके लगाने की अपील की. एक सप्ताह से लगातार बालू के खनन का काम जारी है.
अतिसंवेदनशील माना जाता है गाइड बांध
एक्सपर्ट मानते हैं कि यूपी के अहिरौलीदान से बिशुनपुर तक बने इस गाइड बांध को काफी संवेदनशील माना गया है. यहां बांध अगर टूटा, तो कालामटिहनियां, विशंभरपुर, सिपाया, फुलवरियां, दुर्ग मटिहनिया, सलेहपुर, विशंभपुर प्लस टू स्कूल, सैनिक स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र, पशु अस्पताल पर भी खतरा उत्पन्न हो सकता है. वहीं जानकार सूत्रों ने बताया कि सिपाया में बन रहे सैनिक स्कूल के कैंपस को भरने के लिए एजेंसी खनिज पदाधिकारी के यहां से एनओसी लेकर नदी में कटवा रही है. जल संसाधन विभाग को आपत्ति है कि वे चैनल के जमा सिल्ट को कटवा रहे हैं. वे नदी में अंदर जाकर बालू का काटे, कोई आपत्ति नहीं है.
विशंभरपुर कैंप पर पहुंचकर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
दूसरी ओर विशंभरपुर कैंप पर पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया. विभाग के अधिकारियों से जल्द से जल्द बालू कटाई का काम बंद कराने की मांग की प्रदर्शन करने वालों में धनंजय कुमार, भोला तिवारी, अच्छेलाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, संजय सिंह, छठु राम, उत्तम महतो, रंजन दुबे, सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बांध पर खतरा है. कटाव नहीं रुका, तो तबाही के लिए जिम्मेदारी किसकी होगी.
जहां-तहां नहीं काटा जा सकता बालू : विभाग
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता पवन कुमार ने कहा कि बगैर एक्सपर्ट के एनओसी के कहीं भी नदी में कटवाना खतरनाक हो सकता है. इसका परिणाम सबको भुगतना होगा. प्रशासन से सहयोग मांगा गया है ताकि उसे रोका जा सके.
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