Gopalganj News : गंडक नदी का पानी घटने के बाद भी पटरी पर नहीं लौट पा रही जिंदगी, हर घंटे घट-बढ़ रहा जल स्तर

Gopalganj News : गंडक नदी पांचवें दिन खतरे के निशान से नीचे आ गयी है. दियारे में अधिकतर गांवों में तबाही का मंजर है. गांवों में जाने वाली अधिकतर सड़कों पर पानी भरने के कारण नाव के अलावा बाकी संपर्क भंग हो चुके थे.

By Prabhat Khabar News Desk | October 4, 2024 8:53 PM

गोपालगंज. गंडक नदी के पांचवें दिन खतरे के निशान से नीचे आ गयी है. दियारे में अधिकतर गांवों में तबाही का मंजर है. गांवों में जाने वाली अधिकतर सड़कों पर पानी भरने के कारण नाव के अलावा बाकी संपर्क भंग हो चुके थे. पानी के घटने के बाद भी तबाही दिख रही है. 50 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ की त्रासदी को झेल रहा है. नेपाल से पानी घट-बढ़ रहा है. शुक्रवार को वाल्मीकिनगर बराज से सुबह 1.06 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज था, तो शाम को 92 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया. गंडक नदी के जल स्तर के घटते-बढ़ते जल स्तर से कटाव का खतरा बरकरार है. नदी के मूड को समझते हुए जलसंसाधन विभाग के अभियंता भी मुस्तैद हैं. मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभिंयता प्रमोद कुमार शुक्रवार को भी तटबंध पर पहुंच कर स्थिति का आकलन किया. उधर, विशंभरपुर में नदी खतरे के निशान से 58 सेमी, तो टंडसपुर में पांच सेमी नीचे बह रही थी. पांचवें दिन नदी के खतरे के निशान से नीचे आने के बाद भी इलाके में तेजी से पानी कम हुआ है. घरों में पानी निकलने लगा है. नदी के तट पर बसे गांवों को छोड़ दें, तो बाकी गांवों सर्वाधिक परेशानी बरौली, सिधवलियां, बैकुंठपुर के गांवों में हैं. आंशिक रूप से तो कुचायकोट, सदर प्रखंड व मांझा भी तबाह हुआ है. नीचे पानी, ऊपर चौकी पर खाना बनाने को मजबूर हैं पीड़ित गंडक नदी के तट पर बसे मंगुरहा की यह तस्वीर स्थिति को बताने के लिए काफी है. पांच दिनों से घरों में घिरे राजकुमारी देवी के बच्चों को जब चूड़ा नहीं खाया गया, ताे वह टिन का चूल्हा चौकी पर रख कर बेसन घोल कर सब्जी और चावल बना दिया. बच्चों ने भरपेट खाया तो राजकुमारी के चेहरे पर सुकून जौट गया. राजकुमारी देवी के पति पंजाब में नौकरी करते हैं. जबकि राज कुमारी बच्चों के साथ रहती है. पिछले पांच दिनों तक पानी में घर घिरा था. वे इस बात से खुश है कि कल तक पानी घर से बाहर निकल जायेगा.

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