गोपालगंज. नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से एक लाख 80 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किये जाने के बाद गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. जल संसाधन विभाग ने नदी के तटबंधों और बांधों की निगरानी बढ़ा दी है, क्योंकि नदी का जलस्तर कई इलाकों में खतरे के निशान तक पहुंच गया है. गंडक नदी का जल स्तर बढ़ने से फिलहाल क्षेत्र में बाढ़ का खतरा नहीं है. कुचायकोट प्रखंड के काला मटिहनिया, सदर प्रखंड के पतहरा, मांझा प्रखंड के नेमुइयां और बरौली के सलेमपुर जैसे प्रभावित इलाकों में तटबंधों की निगरानी को विशेष रूप से बढ़ा दिया गया है. इन क्षेत्रों में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार निगरानी रखे हुए हैं. नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी के कारण, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कटाव का खतरा बढ़ गया है. स्थानीय लोगों के घरों और फसलों को खतरा पैदा हो गया है. कई क्षेत्रों में नदी के जल स्तर के बढ़ने से पानी तटबंधों के ऊपर दबाव बनाने लगा है, जिससे निगरानी बढ़ा दी गयी है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिये गये हैं. जल संसाधन विभाग ने नदी के जलस्तर की नियमित विशेष टीमों को तैनात किया है और तटबंधों की मरम्मत और रखरखाव के लिए तुरंत कार्रवाई की जा रही है. विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त संसाधन और कर्मियों को जुटाया है कि बाढ़ आने की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. अधिकारियों ने नदी के जल स्तर पर लगातार नजर बनाये रखने की बात कही है और किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए तैयार रहने का आश्वासन दिया है.
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