Gopalganj News : संतान की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत, सुनी कथा
Gopalganj News : माताओं ने अपनी संतान के आरोग्य और दीर्घायु के लिए बुधवार को जीवित्पुत्रिका का निर्जला व्रत रखा. घरों से लेकर मंदिरों तक जीमूतवाहन की पूजा सुबह से होती रही.
गोपालगंज. माताओं ने अपनी संतान के आरोग्य और दीर्घायु के लिए बुधवार को जीवित्पुत्रिका का निर्जला व्रत रखा. घरों से लेकर मंदिरों तक जीमूतवाहन की पूजा सुबह से होती रही. व्रती महिलाओं ने कथा का श्रवण किया. संतान की संख्यानुसार सोने या चांदी की जीतिया धारण कर व्रत के अनुष्ठान पूरे किया और दान-पुण्य भी किया. श्रद्धालुओं ने मां लक्ष्मी के लिए व्रत रखकर पूजा की. नारायणी नदी के तट पर से लेकर दाहा नदी के तट पर भी काफी भीड़ रही. गांव के सरोवर व तालाब पर भी पूजन के लिए भीड़ लगी रही. इटवा धाम पर हजारों की संख्या में व्रती महिलाओं की भीड़ रही. यहां भीड़ के कारण हाइवे भी जाम की स्थिति बनी रही. वैसे तो सुबह चार बजे से ही व्रती महिलाएं अपने पूर्वज महिलाओं का आह्वान कर पूजा की. उसके साथ ही दही-चूड़ा, फल चढ़ा कर आशीर्वाद की कामना की. उसके बाद महिलाओं ने दिनभर निर्जला व्रत रखा और स्नान-ध्यान कर शुभ मुहूर्त में जीमूतवाहन की पूजा की और कथा को सुना. सोने व चांदी के बने जितिया की पूजा कर गले में धारण किया. 24 घंटे निराजल व्रत रखने के बाद अगले दिन 26 सितंबर की सुबह पूजन कर पारण करेंगी. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से यह व्रत करने से पूर्वज महिलाएं प्रसन्न होकर संतान को लंबी आयु का आशीर्वाद देती है. भगवान जीमूतवाहन की कृपा से सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है. इसी मान्यता को लेकर माताएं यह व्रत करती हैं. इटवा धाम में स्नान-दान के लिए व्रती महिलाओं की उमड़ी भीड़ थावे. स्थानीय प्रखंड के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जिउतिया पर्व को लेकर महिलाओं ने अपनी संतानों की लंबी आयु को लेकर बुधवार को जिउतिया व्रत रखा. इसके पहले माताओं ने अपने पूर्वजों को अन्न का अर्पण कर जिउतिया पर्व का व्रत शुरू किया. इस पर्व को लेकर महिलाओं ने नदी और तालाबों में स्नान कर बरियार के पौधे के पास जाकर कथा सुनी. इटवा धाम में काफी संख्या में जिउतिया करने वाली महिलाओं ने दाहा नदी में डुबकी लगायी. इसके साथ ही संतानों की लंबी उम्र की कामना की. व्रती महिलाएं अपनी-अपनी संतानों की लंबी उम्र कामना को लेकर बुधवार के दिन निर्जला व्रत पर रहीं. इटवा धाम व थावे पोखर सहित अन्य तालाबों पर जिउतिया पर्व कर रही महिला दोपहर बाद से ही नदी व तालाबों में स्नान करने के लिए काफी संख्या में पहुंचने लगीं. स्नान करने का कार्य देर शाम तक चलता रहा.
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