गोपालगंज में बारिश से बिगड़े हालात, झील में तब्दील हुआ सदर अस्पताल, 3 लोगों की मौत

गोपालगंज में बारिश लोगों के लिए आफत बन गयी है. चाहे अस्पताल हो या फिर मोहल्ले. हर जगह बारिश से आफत नजर आ रही है. सदर अस्पताल तो पूरी तरह जलमग्न है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग ने भी अगले 48 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

By Anand Shekhar | August 6, 2024 4:09 PM
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Bihar News: बिहार में बारिश आफत बनकर बरस रही है. गंडक, गंगा और सोन नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं गोपालगंज में पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है. नगर परिषद के दावे हवा हो गए हैं. शहर की गली-मोहल्लों की तो बात ही छोड़िए, शहर की मुख्य सड़कें भी बारिश के कारण झील में तब्दील हो गई हैं. शहर के मॉडल सदर अस्पताल का भी कुछ यही हाल है. यहां हर तरफ पानी ही पानी है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पानी-पानी हुआ सदर अस्पताल

गोपालगंज के मॉडल सदर अस्पताल में हर दिन सैकड़ों मरीज आते हैं. लेकिन बारिश के बाद इस अस्पताल की हालत ऐसी हो गई है कि मरीजों का अस्पताल में घुसना और इलाज करवाना मुश्किल लग रहा है. यहां डॉक्टरों के चैंबर से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक बारिश का पानी भर गया है.

तीन मरीजों की मौत

अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के अंदर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन, ट्राइसाइकिल, बेड का 20 फीसदी हिस्सा डूब गया है. जलभराव के कारण मरीजों को पीएसए प्लांट से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. सिलेंडर से ऑक्सीजन देकर जांच बचाने की कोशिश जारी है. इस बीच 12 घंटे में ईलाज के दौरान सदर अस्पताल में तीन मरीजों की मौत भी हो गयी है. इनमें कबीरपुर गांव के सिपाही साह, लुहसी गांव की छठिया देवी और यूपी के तरेया सुजान की प्रभावती देवी शामिल हैं.

क्या बोले परिजन और डॉक्टर

मरीज के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने दो स्ट्रेचर और इलाज की उचित व्यवस्था नहीं की, जिससे मौतें हुईं. उधर, इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ. सनाउल मुस्तफा का कहना है कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की बिल्डिंग बाहरी सड़क से नीची है, जिसके कारण हल्की बारिश में भी पानी जमा हो जाता है. हालात चाहे जो भी हों, मरीजों का इलाज तो करना ही है.

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लोगों की बढ़ी परेशानी

ऐसे में एक तरफ जहां बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं अस्पताल और मोहल्ले में पानी जमा होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. नगर परिषद और अस्पताल प्रशासन के दावों की पोल खुल रही है, जो हर साल नालों की सफाई में लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर पानी की निकासी का दावा करते हैं. लेकिन अफसोस की बात है कि हर बार बारिश होने पर दावे धरे के धरे रह जाते हैं.

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जल जमाव को लेकर नप हाईअलर्ट: इओ

नगर पर्षद के कार्यापालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे का दावा है कि शहर की सभी नालों की सफाई करायी जा चुकी है. नालों को क्षमता है कि वे चार घंटे में ही पानी को खिंच सकता है. पानी के सेटल होने में आज समय नहीं लगा. दो घंटे में पानी निकल गया. नगर पर्षद जल जमाव से निबटने के लिए लगातार टीम काम कर रही. जल जमाव ना हो इसके लिए पूरी टीम को सड़क पर उतार दिया गया है.

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